राम मृदुभाषी थे का सन्स्कृत में अनुवाद
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शब्दार्थ-इक्ष्वाकुवंशप्रभवः = इक्ष्वाकु वंश में उत्पन्न ! नियतात्मा = आत्मसंयमी द्युतिमान = कान्तिमान महावीर्यः – महान् वीर। धृतिमान = धैर्यवान्। वशी : जितेन्द्रिय।
सन्दर्भ – प्रस्तुत श्लोक हमारी पाठ्य-पुस्तक के अन्तर्गत संस्कृत खण्ड के ‘पुरुषोत्तमः रामः’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें भगवान् राम के गुणों का वर्णन किया गया है।
हिन्दी अनुवाद – लोगों द्वारा ‘राम’ नाम से सुने हुए, इक्ष्वाकु वंश में उत्पन्न, (राम) आत्मा को वश में रखनेवाले, महाबलशाली, कान्तिमान्, धैर्यवान् एवं जितेन्द्रिय हैं।
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