राम ने धनुष किस धोखे से छू लिया था?
कि धनुष बहुत मजबूत है
कि धनुष एकदम नया है
कि धनुष उससे उठेगा नहीं
कि धनुष बहुत भारी है
Answers
श्री राम ने स्वयंवर में शिव धनुष तोड़ दिया था। उसकी ध्वनि से परशुराम जी के तपस्या भंग हो गए और वो सभा में प्रस्तुत हुए। उन्होंने क्रोध पूर्वक कहा के किसने मेरे आराध्य शिव जी का धनुष तोड़ा? उसने आज अपने मृत्यु को ललकार है। लक्ष्मण जी भी क्रोधित हो उठे और बोला की बल्य काल में हमने ऐसे कई धनुष तोड़े है। ये पुराना धनुष प्रभु राम के स्पर्श मात्र से टूट गया। और लक्ष्मण जी और परशुराम जी के बीच बहस हो गए। श्री राम ने अपनी उदारता दिखाई और बोले की मैंने है ये धनुष तोड़ा है। तभी परशुराम जी को श्री राम में विष्णु जी का प्रतिबिंब दिखाई दिया। उन्होंने अपना धनुष उन्हें दिया और बोले की यदि आप ने ये बाढ़ को चला दिया तो में आपको पहचान जाऊंगा। श्री राम ने उस दिशा में में बाढ़ चला दिया। और पश्चाताप के लिए परशुराम जी ने अपना फरसा धरती पर गाढ़ दिया और घोर तपस्या के लिए चले गए।
हमें एक प्रश्न दिया जाता है कि राम ने धनुष को क्यों छुआ और हमें चार विकल्प दिए गए हैं। सही विकल्प दूसरा विकल्प होगा।
- सीता के स्वयंवर में श्री राम ने शिव के धनुष को तोड़ा था।
- इस ध्वनि से परशुराम जी की तपस्या भंग हुई और वे सभा में उपस्थित हुए।
- वह जानना चाहता था कि धनुष को किसने तोड़ा है और इस वजह से
- परशुरामजी और लक्ष्मण के बीच बहस छिड़ गई।
- परशुराम जी ने कहा कि जिसने शिव धनुष को तोड़ा था उसकी आज मृत्यु हो जाएगी।
- राम को तब पता चलता है कि धनुष नया नहीं था बल्कि भगवान शिव का था।
- तो उसने यह सोचकर धनुष छू लिया था कि यह धनुष एकदम नया है - सही उत्तर है।
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