Hindi, asked by jayajangra2, 1 month ago

राम ने विभीषण को लंका में न रुकने का क्या कारण बताया​

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Answered by ayushbisht370
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वाल्मीकि कृत रामायण और रामचरित मानस सहित सभी रामायण में विभीषण को रावण पक्ष की ओर से लंका का द्रोही बताया गया है। वर्तमान में भी लोग मानते हैं कि विभीषण ने अपने भाई को धोखा दिया था। इसीलिए एक कहावत आज भी प्रचलित है कि घर का भेदी लंका ढाये। अर्थात बाहर वाला कोई व्यक्ति हमारा कुछ नुकसान नहीं पंहुचा सकता जब तक की कोई अपना उस बाहरी व्यक्ति की सहायता न करे, लेकिन क्या यह सच है? विभीषण बुरा था? आओ जानते हैं सचाई।

 

 

1. भाइयों में मतभेद : रामायण में एक ओर राम तो दूसरी ओर रावण था। एक ओर जहां प्रभु श्रीराम को उनके भाई भगवान मानते थे तो दूसरी ओर रावण के भाई उसको अपराधी, घमंडी और अहंकारी मानते थे। यह फर्क था सबसे बड़ा। रावण के सगे भाई कुंभकर्ण और विभीषण ने उसको बहुत समझाया कि तुम जो कर रहे हो वह गलत है। रावण के सौतेले भाई भी थी जिनमें से एक कुबेर से उसने लंका छीन ली थी बाकि खर, दूषण और अहिरावण ने उसकी सहायता की थी। उसकी सगी बहन सूर्पणखा और सौतेली बहन कुम्भिनी ने भी रावण की सहायता की थी। रावण का अपने सभी भाइयों से शक्ति के बल पर संबंध था जबकि राम का अपने भाइयों से प्रेम और समर्पण के बल पर संबंध था।

 

2. रावण को समझाया : रावण ने जब सीता जी का हरण किया, तब विभीषण पराई स्त्री के हरण को महापाप बताते हुए सीता जी को श्री राम को लौटा देने की सलाह दे कर हमेशा धर्म की शिक्षा देता था लेकिन रावण उसकी एक नहीं सुनता था। क्या विभीषण का यह कार्य धर्म विरुद्ध था? विभीषण ही नहीं बल्की रावण को उसकी पत्नी मंदोदरी, उसके नाना माल्यवान और उसके श्वसुर मयासुर भी वही बात करते थे जो कि विभीषण करता था। दरअसल, विभीषण अपने भाई को बचाना चाहता था।

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