Biology, asked by King99999, 6 months ago


राम सांस सांस में समाए हुए है
भारत की आत्मा में छाए हुए है
संकटों में खूब आजमाए हुए है
राम जी देश को बचाए हुए है
सुबह का नहीं है जो वो शाम का नहीं
राम का नहीं वो किसी काम का नहीं.

राम प्रतिमा नहीं है प्रतिमान है
नभ में चमकते हुए दिनमान है
वाल्मीकि तुलसी का वरदान है
एक आदर्श है वो भगवान है
राम आस्था है, कोई नारा नहीं है
राम गंगाजल है अंगारा नहीं है
चलते फिरते रोज यही काम कीजिए
जो भी मिले उसको राम राम कीजिए
बेशकीमती भी किसी दाम का नहीं
राम का नहीं वो किसी काम का नहीं.

पथराई अहिल्या को तारा राम ने
अत्याचारी असुरों को मारा राम ने
सुग्रीव की राह में भी राम मिलेगे
राम जी तिजोरी में कुबेरों में नही
शबरी के बेरों में भी राम मिलेगे
राम दशरथ की पुकार में मिले
केवट के संग मझधार में मिले
राम भक्ति भाव से ही जीने में मिले
राम हनुमान जी के सीने में मिले
राजा का है किस्सा गुलाम का नहीं
राम का नहीं वो किसी काम का नहीं.

एक पत्नी का व्रत धारा राम ने
रावण से दुष्ट को भी तारा राम ने
वचन पिता का निभाया राम ने
जो भी मिला गले से लगाया राम ने

राम कोल भीलों में किरात में मिले
राम सुग्रीव वाले साथ में मिले
राम पाने के लिए धन न चाहिए
राम को समझ ले वो मन चाहिए
पूण्य गंगा स्नान चार धाम का नहीं
राम का नहीं वो किसी काम का नहीं.

पुण्य जिन्हें करना था पाप कर रहे
जीवन का वरदान शाप कर रहे
साँस का भी अपनी पता नहीं जिन्हें
देखों राम का हिसाब कर रहे है
राम को न जाने ऐसा नर ना मिला
उन्ही राम जी को यहाँ घर न मिला​

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Answered by Anonymous
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Answer:

रंग लायेगी तनहाई भी जरा सब्र तो रख वक़्त लगता है दुआओं को असर करने में

Explanation:

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