Hindi, asked by kumararjun58841, 6 months ago

-रामेश्वर शुक्ल 'अंचल'
प्रश्न-अभ्यास
बोध और सराहना
1.
2
3.
इस गीत में कवि बादल से क्या-क्या आग्रह कर रहा है?
वर्षा के बिना जड़-चेतन सभी किस प्रकार व्याकुल हो उठे हैं?
तपती धरती और जलने मन-प्राणों में वर्षा की संभावना-मात्र से क्या-क्या
परिवर्तन दिखाई देने लगे हैं?
गीत से उन पंक्तियों का चयन करें जिनमें जहाँ-तहाँ मेघ की ओर टकटकी लगाए
लोगों का वर्णन किया गया है।
इस गीत में बादल को अनेक संबोधनों से पुकारा गया है। उन्हें चुनें और बताएँ कि
आपको कौन-सा संबोधन सर्वाधिक सुंदर लगा और क्यों?
5.
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Answers

Answered by Anonymous
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Answer:

रामेश्वर शुक्ल 'अंचल' हिन्दी भाषा के कवि थे। इनका जन्म - 01 मई 1915 को ग्राम किशनपुर, जिला - फतेहपुर उत्तर प्रदेश में हुआ था एवं मृत्यु - 12 अक्टूबर 1995 को हुई थी। शुक्ल ने जबलपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में वर्षों तक अध्यापन किया तथा विभागाध्यक्ष रहे। रामेश्वर छायावाद युग के उत्तरार्ध के कवि हैं। बाद में इन्होंने मार्क्सवादी तथा प्रगतिशील कविताएं भी लिखीं। इनकी भाषा में नए विशेषण और नए उपमान प्रयुक्त हुए हैं। मुख्य कविता-संग्रह हैं : 'मधुलिका, 'अपराजिता, 'किरण बेला, 'वर्षांत के बादल और 'विराम चिन्ह। इन्होंने उपन्यास, निबंध तथा हिन्दी साहित्य का अनुशीलन आदि ग्रंथ भी लिखे। [1]

रामेश्वर शुक्ल अंचल

जन्म

1 मई 1915

मृत्यु

अक्टूबर 12, 1995

व्यवसाय

छायावादी कवि

राष्ट्रीयता

भारतीय

उल्लेखनीय कार्यs

उल्का (उपन्यास), चढ़ती धूप1966, शीलजयी (काव्य संग्रह )1976, कुंवर की दुल्हन (कहानी) 1980, अपराजिता (प्रबंध काव्य)1983, मधुलिका (काव्य संग्रह), लाल चूनर, किरण बेला, करील, वर्षांत के बादल, विराम चिन्ह,

उल्लेखनीय सम्मान

जबलपुर विश्वविद्यालय से डी लिट् की मानद उपाधि

उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा सम्मान

हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा साहित्य वाचस्पति सम्मान

राष्ट्रपति द्वारा विशेष सम्मान

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