Hindi, asked by honey206055, 1 month ago

रामायण और महाभारत जीवन के अंग क्यों बन गए ​

Answers

Answered by lovingrathour
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दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये। वे छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे। एक ओर उनकी कविताओ में ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रान्ति की पुकार है तो दूसरी ओर कोमल श्रृंगारिक भावनाओं की अभिव्यक्ति है। इन्हीं दो प्रवृत्तियों का चरम उत्कर्ष हमें उनकी कुरुक्षेत्र और उर्वशी नामक कृतियों में मिलता है।

Answered by kruti2272006
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Answer:

महाभारत और रामायण में कार्य योजना, चक्रव्यूह, निपुण नेतृत्व, निर्माण कला, दृष्टिकोण, संवाद, शब्द भेद, भाषण, उद्घोषणा आदि अनेक प्रबन्धकीय तत्वों को देखा जा सकता है। ग्रंथों में विभिन्न समस्याओं को जमीनी स्तर पर सुलझाने की बात कही गई है। महाभारत और रामायण निश्चय ही आदर्श जीवन जीने की कला सिखाते हैं।

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