Hindi, asked by ayush672007, 1 month ago

रामायण पर आधारित एक लोकिंत्य से मौलिक कहानी लिखे​

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Answered by yadhuvanshiomprakash
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पुरुषोत्तम श्री राम का चरित्र गुणों से भरा हुआ है। त्रेता युग के न्यायप्रिय राजा श्रीराम की कहानियां बालकों के मन में नीति और धर्म के लिए जगह बनाने में मदद कर सकती हैं। इतिहास के दो महान कवियों ने रामायण की कथा लिखी है। महर्षि वाल्मीकि ने संस्कृत में रामायण और तुलसी दास ने अवधी भाषा में रामचरित मानस को लिखा। बच्चों के लिए ये दोनों भाषाएं कठिन हो सकती हैं। इसलिए, हम मॉमजंक्शन के कहानी सेक्शन में रामायण की कहानियां बिल्कुल सरल भाषा में लेकर आए हैं। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों को इतिहास के बारे में जानकारी दे सकते हैं। रामायण की कहानियां भारत की महान संस्कृति का उदाहरण हैं। एक ओर जहां भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का आपसी प्यार एकता में शक्ति की सीख देता है, तो वहीं दूसरी ओर माता सीता का समर्पण आने वाली पीढ़ियों को रास्ता दिखा सकता है। रावण के चरित्र से भी ये शिक्षा दी जा सकती है कि बुरे कर्मों का फल जरूर मिलता है। इसीलिए, इंसान को कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। साथ ही ये कहानियां कठिन समय का सामना संयम के साथ करने की सीख भी देती हैं। साथ ही रामायण की कथा माता-पिता का आदर करना व अनुशासन में रहने की सीख भी देती है। आप इन कथाओं के जरिए बच्चों को बुराई पर अच्छाई की जीत का पाठ सिखाते हुए उनके मन में अच्छे संस्कारों को विकसित कर सकते हैं।

Answered by diyarajvanshi7
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मर्यादापुरुषोत्तम राम के जीवन पर आधारित ‘रामायण’ हिन्दुओं का परम पूजनीय धार्मिक ग्रन्थ है. वाल्मीकि कृत रामायण में २४००० छंद है. जब रामानंद सागर ने वाल्मीकि रामायण को टीवी पर पेश किया, तो उन्हें रामायण की सम्पूर्ण कहानी दिखाने में डेढ़ वर्ष लग गया. लेकिन आज हम दसबस पर सम्पूर्ण रामायण की गाथा आपको सुना रहे हैं केवल १००० शब्दों में.

ऋषि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई ‘रामायण’ एवं तुलसीदास रचित ‘रामचरितमानस’ अयोध्या पति दशरथ नंदन श्री राम की जीवन कथा है. राम जो कि भगवान विष्णु का ही एक रूप हैं, अत्यधिक गुणवान एवं प्रतिभाशाली थे. राजा दशरथ की तीन रानियाँ थी जिनका नाम कौशल्या, सुमित्रा और कैकेयी था. राजा दशरथ के तीनों रानियों से चार अत्यधिक रूपवान एवं गुणवान पुत्रों का जन्म हुआ जिन्हें राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न नामों से जाना गया. राम, माता कौशल्या के पुत्र थे, भरत, माता कैकेयी के एवं लक्ष्मण व शत्रुघ्न, माता सुमित्रा के पुत्र थे. राम का विवाह स्वयंवर में सीता के साथ सुनिश्चित हुआ. राम भगवान ने समस्त वीर योद्धाओं एवं राजाओं के सामने शिव धनुष को तोड़कर माता सीता से विवाह किया.

सम्पूर्ण रामायण

समस्त रामायण को 7 कांडो में विभक्त किया गया है. इन 7 कांडो में भगवान राम के जीवन की सम्पूर्ण शौर्य गाथाओं का वर्णन किया गया है.

रामायण के 7 कांड

1. बाल कांड

बाल कांड

राम भगवान का जन्म चैत्र मास की नवमी के दिन अयोध्या में राजा दशरथ और माता कौशल्या के यहाँ हुआ था. साथ ही में माता कैकेयी ने भरत और माता सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया. कुछ वर्ष पश्चात गुरु वशिष्ठ के आश्रम में उन्होंने शिक्षा दीक्षा प्राप्त की. बाद में गुरु विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा के लिए श्रीराम ने ताड़का, सुबाहु आदि राक्षसों का वध किया और देवी अहिल्या को शाप मुक्त किया. जनकपुर में श्रीराम ने माता सीता के स्वयंवर में भाग लिया और शिव धनुष को तोड़कर सीता माता से विवाह किया.

2. अयोध्या कांड

अयोध्या कांड

राम-सीता विवाह के उपरांत राजा दशरथ ने राम के राज्याभिषेक की घोषणा की. परन्तु तभी मंथरा द्वारा भड़का दिए जाने के कारण रानी कैकेयी ने राजा दशरथ से उनके द्वारा दिए गए उन दो वचनों को पूरा करने को कहा जिन्हें एक बार रानी कैकेयी द्वारा राजा दशरथ के जीवन की रक्षा करने के प्रतिफल के रूप में राजा दशरथ ने कैकेयी को दिया था. मंथरा के कहे अनुसार कैकई ने दो वचन मांगे, एक राम को 14 वर्ष का वनवास और दूसरा भरत का राज्याभिषेक.

राजा दशरथ द्वारा दिए गए वचन की पालना करते हुए श्रीराम, माता सीता व लक्ष्मण सहित वनवास के लिए निकल पड़े.

वहीं दूसरी ओर राजा जनक की राम के वियोग में और श्रवण के माता पिता द्वारा दिए गए शाप के प्रभाव से मृत्यु हो गई. भरत राम को मनाने वन की ओर चले एवं राम भरत मिलाप हुआ. भरत ने राम से अयोध्या लौट चलने को कहा परन्तु राम ने मना कर दिया एवं भरत को अपनी चरण पादुकाएँ समर्पित की. भरत पादुकाएँ लेकर अयोध्या लौट आए व तपस्वी के भेष में अयोध्या से बाहर कुटी बनाकर रहने लगे

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