Hindi, asked by ajnabimemer, 3 months ago

रामचंद्र शुक्ल का साहित्य जीवन परिचय ​

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Answered by ayush0606
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Answer:

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (४ अक्टूबर, १८८४- २ फरवरी, १९४१) हिन्दी आलोचक, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे। उनके द्वारा लिखी गई सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तक है हिन्दी साहित्य का इतिहास, जिसके द्वारा आज भी काल निर्धारण एवं पाठ्यक्रम निर्माण में सहायता ली जाती है। हिन्दी में पाठ आधारित वैज्ञानिक आलोचना का सूत्रपात उन्हीं के द्वारा हुआ। हिन्दी निबन्ध के क्षेत्र में भी शुक्ल जी का महत्त्वपूर्ण योगदान है। भाव, मनोविकार सम्बंधित मनोविश्लेषणात्मक निबन्ध उनके प्रमुख हस्ताक्षर हैं। शुक्ल जी ने इतिहास लेखन में रचनाकार के जीवन और पाठ को समान महत्त्व दिया। उन्होंने प्रासंगिकता के दृष्टिकोण से साहित्यिक प्रत्ययों एवं रस आदि की पुनर्व्याख्या की।

Answered by JaiMatadiSarthak
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Answer:

Acharya Ramchandra Shukla: हिंदी साहित्य के इतिहास में आलोचना सम्राट कहे जाने वाली महान लेखक एवं कवि आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने हिंदी साहित्य की एक नई दिशा और विश्वस्तरीय ख्याति दिलाई. प्रस्तुत लेख में “आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय” (Aacharya Ramchandra Shukla ka Jivan Parichay) उपलब्ध कराया गया है. रामचंद्र शुक्ल की जीवनी पढ़कर आपको हिंदी साहित्य में उनके साहित्य के योगदान, उनकी भाषा शैली और कृतियों की जानकारी मिलेगी.

उन्होंने सदैव ही तद्भव शब्दावली को छोड़कर तत्सम शब्दावली का प्रयोग अपनी कृतियों में किया. आचार्य रामचंद्र शुक्ल की रचनाएं “गागर में सागर” भरने जैसी है. तो आइए रामचंद्र शुक्ल जी के बारे में (About Aacharya Ramchandra Shukla in Hindi) पढ़ते हैं.

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