Hindi, asked by heroamit31, 4 months ago

रामचंद्रजी को अपनी नाव में बिठाने के लिए केवट ने आना-कानी क्यों की?​

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Answered by Anonymous
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Answer:

जिन्हें पूजा भाव भी नही आता था। ऐसे ही एक साधु थे "केवट" जिन्होंने तीनों लोकों के पालनहार की "नैया" पार लगाई थी। जब प्रभु राम ने केवट से नाव लाने के लिए कहा क्योंकि उन्हें गंगा पार जाना था केवट ने बड़े तल्ख शब्दों में मना कर दिया और यह सुनकर भैया लखन की छाती फूल गयी।

Answered by muskanroy34
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Explanation:

जिन्हें पूजा भाव भी नही आता था। ऐसे ही एक साधु थे "केवट" जिन्होंने तीनों लोकों के पालनहार की "नैया" पार लगाई थी। जब प्रभु राम ने केवट से नाव लाने के लिए कहा क्योंकि उन्हें गंगा पार जाना था केवट ने बड़े तल्ख शब्दों में मना कर दिया और यह सुनकर भैया लखन की छाती फूल गयी।

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