रामचरितमानस के सुंदरकांड का विस्तार में सारांश लिखिए।
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सुन्दर काण्ड में हनुमान द्वारा समुद्रलंघन करके लंका पहुँचना, सुरसा वृत्तान्त, लंकापुरी वर्णन, रावण के अन्त:पुर में प्रवेश तथा वहाँ का सरस वर्णन, अशोक वाटिका में प्रवेश तथा हनुमान के द्वारा सीता का दर्शन, सीता तथा रावण संवाद, सीता को राक्षसियों के तर्जन की प्राप्ति, सीता-त्रिजटा-संवाद, स्वप्न-कथन, शिंशपा वृक्ष में अवलीन हनुमान का नीचे उतरना तथा सीता से अपने को राम का दूत बताना, राम की अंगूठी सीता को दिखाना, "मैं केवल एक मास तक जीवित रहूँगी, उसके पश्चात् नहीं" -ऐसा सन्देश सीता के द्वारा हनुमान को देना, लंका के चैत्य-प्रासादों को उखाड़ना तथा राक्षसों को मारना आदि हनुमान कृत्य वर्णित हैं।
इस काण्ड में अक्षकुमार का वध, हनुमान का मेघनाद के साथ युद्ध, मेघनाद के द्वारा ब्रह्मास्त्र से हनुमान का बन्धनपूर्वक रावण के दरबार में प्रवेश, रावण-हनुमान-संवाद, विभीषण के द्वारा दूतवध न करने का परामर्श, हनुमान की पूँछ जलाने की आज्ञा, लंका-दहन, हनुमान का सीता-दर्शन के पश्चात् प्रत्यावर्तन, समाचार-कथन, दधिमुख-वृत्तान्त, हनुमान के द्वारा सीता से ली गई काञ्चनमणि राम को समर्पित करना, तथा सीता की दशा आदि का वर्णन किया गया है। इस काण्ड में 68 सर्ग हैं। इनमें 2,855 श्लोक दृष्टिगत होते हैं। धार्मिक दृष्टि से काण्ड का पारायण समाज में बहुधा प्रचलित है। बृहद्धर्मपुराण में श्राद्ध तथा देवकार्य में इसके पाठ का विधान है ll