रिमझिम-रिमझिम क्या कुछ कहते बूंदों के स्वर रोम सिहर उठते छूते वे भीतर अंतर । धाराओं पर धाराएँ झरती धरती पर, रज के कण-कण में तृण-तृण को पुलकावलि थर ।। निम्न प्रश्नो के उत्तर एक वाक्य में दीजिए। 1. बूंदों से कैसी आवाज आ रही है ? 2. बूंदों के छूते रो क्या होता है ? 3. धरती पर पानी कैसे गिरती है ? 4. नृण-नृण क्यों पुलकीत होते है ? 5. यह कवितांश किस पाठ से दिये गये हैं ?
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