रामकृष्ण परम हंस के प्रमुख सिष्य स्वामी विवेकानंद के कुछ अनमोल वचन प्रस्तुत कीजिये|
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इस युवा संन्यासी ने निजी मुक्ति को जीवन का लक्ष्य नहीं बनाया था, बल्कि करोड़ों देशवासियों के उत्थान को ही अपना जीवन-लक्ष्य बनाया। पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं स्वामीजी के ऐसे 20 अनमोल वचन, यदि आप उन पर अमल करते हैं तो ये वचन आपकी जिंदगी बदलकर रख देंगे।
1. ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हमी हैं, जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।
2. उठो मेरे शेरों, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, न ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है, तुम तत्व के सेवक नहीं हों।
3. उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक कि लक्ष्य न प्राप्त हो जाए।
1. ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हमी हैं, जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।
2. उठो मेरे शेरों, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, न ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है, तुम तत्व के सेवक नहीं हों।
3. उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक कि लक्ष्य न प्राप्त हो जाए।
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रामकृष्ण परम हंस के प्रमुख शिष्य स्वामी विवेकानंद के कुछ अनमोल वचन इस प्रकार है :--
1. उस व्यक्ति ने अमरत्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता |
2. अगर संपत्ति या धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है |
3. ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं | वो हम ही हैं जो अपनी आँखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है !
4. उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये |
5. स्वतंत्र होने का साहस करो. जहाँ तक तुम्हारे विचार जाते हैं वहां तक जाने का साहस करो, और उन्हें अपने जीवन में उतारने का साहस करो |
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