रोमन साम्राज्य के वास्तु कलात्मक रूप से इस्लामी वास्तुकला त्मक रूप से कैसे भिन्न थे
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रोमन साम्राज्य के वास्तुकलात्मक रूप से इस्लामी वास्तुकलात्मक रूप निम्न प्रकार से भिन्न थे :
रोमन साम्राज्य की वास्तुकला :
रोम के निवासी कुशल निर्माता थे। उन्होंने वास्तुकला में डाट और गुंबद बना कर दो महत्वपूर्ण सुधार किए। उनके भवन दो - तीन मंजिलों वाले होते थे । इनमें डांटो को एक के ऊपर दूसरी बनाया जाता था। उनकी डांटे गोल होती थी। यह डांट नगर के द्वारों , पुलों ,बड़े भवनों तथा विजय स्मारक बनाने में प्रयोग की जाती थी। डांटो का प्रयोग कोलोजियम बनाने में भी किया गया। यहां ग्लेडिएटरों की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती थी। ये डांटे नहर बनाने के काम में भी लाई जाती थी।
इस्लामी वास्तुकला :
इस्लामी वास्तुकला पर ईरानी कला का प्रभाव था। परंतु अरब निवासियों ने अलंकरण के मौलिक नमूने निकाल लिए। उनके भवनों में गोल गुंबद, छोटी मीनारें, घोड़ों के खुर के आकार के मेहराब तथा मरोड़दार स्तंभ होते थे। इस्लामी वास्तुकला की विशेषताएं अरबों की मस्जिदों, पुस्तकालयों ,महलों, चिकित्सालयों और विद्यालयों में देखी जा सकती हैं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।