रामनरेश त्रिपाठी अथवा सुमित्रानंदन पंत का साहित्यिक परिचय निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर दीजिए 1 दो रचनाएं 2 भाव पक्ष, कला पक्ष 3 साहित्य में स्थान
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सुमिता सुमित्रानंदन पंत का परियचय दो रचनाओं, भाव पक्ष, कला पक्ष और साहित्य में स्थान पर के आधार पर इस प्रकार है..
साहित्य में स्थान : सुमित्रानंदन पंत छायावाद के चार प्रमुख स्तंभों में से एक प्रमुख स्तंभ रहे हैं। वह छायावादी युग के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं। उन्हें साहित्य में योगदान के लिए अनेक सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें पद्म भूषण सम्मान, साहित्य अकादमी सम्मान, भारतीय ज्ञानपीठ सम्मान प्रमुख है। उन्हें संस्कृत, हिंदी, बांग्ला, अंग्रेजी आदि भाषाओं का ज्ञान था।
दो रचनायें : उत्साह, युगवाणी
भाव पक्ष : सुमित्रानंदन पंत की कविता में प्रकृति का सुंदरता से वर्णन किया गया है। वह प्रकृति के निकट कवि माने जाते हैं और उनकी अधिकतर कविताएं प्रकृति को ध्यान में रखकर लिखी गई हैं।
कला पक्ष : सुमित्रानंदन पंत के काव्य में प्रसाद गुण और माधुर्य गुण की प्रधानता रही है। उन्होंने अलंकारों का प्रयोग सहज और सुंदर ढंग से किया है। वे वाणी के शब्द सम्राट माने जाते हैंं। उनकी काव्य भाषा काव्य की शैली के अनुकूल ही रही है।