रामस्वरूप की अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाना और विवाह के लिए छिपाना, यह विरोधाभास उनकी किस विवशता को उजागर करता है?
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उत्तर :
रामस्वरूप अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलाते हैं वे मानते हैं कि लड़कियों के लिए भी शिक्षा उतनी ही जरूरी है जितनी लड़कों के लिए होती है। वे नारी शिक्षा का पक्षधर है किंतु जब उसे गोपाल प्रसाद के लड़के के साथ अपनी बेटी का रिश्ता करना होता है तो वह अपनी बेटी की शिक्षा छिपाता है क्योंकि वे अपनी लड़की का विवाह एक अच्छे पढ़े-लिखे संभ्रांत परिवार में करना चाहते थे परंतु गोपालप्रसाद पढ़े लिखे होने के बावजूद विवाह हेतु कम पढ़ी लिखी लड़की चाहते थे। एक लड़की का पिता होने की विवशता उससे ऐसा करवाती है। अतः राम स्वरूप को विवश होकर अपनी लड़की की उच्च शिक्षा को छिपाना पड़ता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
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रामस्वरूप लड़कियों को उच्च शिक्षा दिलाने के पक्षधर हैं। उन्होंने उमा को कॉलेज की शिक्षा दिलवाकर बी.ए. पास करवाया। इसके अलावा उमा को संगीत, कला आदि का भी ज्ञान है। रामस्वरूप चाहते हैं कि उमा की शादी अच्छे परिवार में हो। संयोग से परिवार तो उच्च शिक्षित मिला परंतु उसकी सोच अच्छी न थी। लड़के का पिता और स्वयं लड़का दोनों ही चाहते हैं कि उन्हें दसवीं पास लड़की ही चाहिए। एक लड़की का पिता होने के कारण लड़के वालों की इच्छा को ध्यान में रखकर कर्तव्य और वक्तव्य में विरोधाभास रखते हैं। ऐसी परिस्थिति एक विवाह योग्य पुत्री के पिता की विवशता को उजागर करता है।