Hindi, asked by Alia4786, 1 year ago

रामदास कविता का मूल भाव लिखो

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Answered by niraj4675
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रधुवीर सहाय हिंदी जगत में एक कवि के रूप में अधिक जाने जाते हैं। ये साहित्य-जगत में उस पीढी़ के सदस्य थे, जो स्वाधीनता आंदोलन की समाप्ति पर रचनाशील हुई थी। नयी कविता के अन्य कवियों की भाँति, रधुवीर सहाय ने प्रतिकों, बिम्बों और मिथकों का सहारा बहुत कम लिया है। इन्होने साधारण बोलचाल की भाषा के अति-साधारण शब्दों का प्रायः गद्यवत प्रयोग ही अधिक किया है। रधुवीर सहाय की कविता कहने के एक खास ढंग को विकसित करती है। कविता की पंक्तियों का वास्तविकता से संवाद निरंतर चलता रहता है। इस संवाद के अंदर से ही कविता का जाल फैलकर विशिष्ट अर्थ को ग्रहण करता है। यहाँ कविता के शब्द अपनी गति से वस्तुओं पर आधात करते हैं।

रामदास कविता में रोज़-रोज़ मरते लोगों की भीड़ में एक जीते-जागते व्यक्ति की विडम्बना   के साक्ष्य से इस कविता का गठन हुआ है। रामदास मरते हुए आधुनिक समाज की ठोसवास्तविकता है। तटस्थता और निरपेक्षता का भाव रामदास की हत्या के लिये जिम्मेदार है। मनुष्य कितना संवेदनहीन और निष्क्रिय हो गया है कि किसी की हत्या भी उसके लिए महज एक सूचना बनकर रह जाती है। 

Answered by Anonymous
22

कविता : रामदास

कवि : रघुवीर सहाय

प्रस्तुत कविता का मूल भाव :-

' रामदास ' कविता के माध्यम से कवि

(रघुवीर सहाय) ने समाज के कानून के प्रति

उदासीनता व्यक्त किया है । वह बताते है कि,

किस प्रकार हमारा कानून अंधा है । यहां

रामदास , कानून के प्रति आस्था का घटक है ।

रामदास के मृत्यु से , कवि कानून के प्रति

आस्था का मृत्यु होना बतलाया है ।

प्रस्तुत कविता में , हर व्यक्ति को रामदास के

मृत्यु के विषय में मालूम था । परन्तु किसी ने

उसको बचाने की कोशिश नहीं की । अतः

रामदास के मृत्यु के पश्चात भी , सब लोग बस

खड़े होकर देखते रहें ।

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