रामधारी सिंह दिनकर की कविता वीर में "शूलों का मूल नासते हैं "का अर्थ क्या है
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समस्या को जड़ से खत्म कर देना। यह पंक्तियां रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित कविता “वीर¨ से ली गई है। यहाँ पर इन पंक्तियों में कवि ने शूलों को विपत्ति रूपी समस्या का प्रतीक बताया है, किसी भी समस्या को जड़ से खत्म कर देने से वह दुबारा उत्पन्न नही होती है|
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