रानी कैकेयी ने भरत को उसके पिता के
बारे में क्या बताया?
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Explanation:
कैकेयी ने दशरथ से लिए दो वचन, श्रीराम को वनवास और भरत का राजतिलक
श्री गणेश ड्रामाट्रिक क्लब की रामलीला मंचन का चौथा दिन
फोटो नंबर-18 व 19
अमर उजाला ब्यूरो
कैथल। चंदाना गेट स्थित श्री ग्यारह रुद्री मंदिर प्रांगण में श्री गणेश ड्रामाट्रिक क्लब की रामलीला मंचन के चौथे दिन भगवान श्रीराम के वन गमन का मंचन किया गया। मंचन निर्देशक रमेश जांगड़ा व धर्मवीर असीजा के निर्देशन में किया जा रहा है।
शनिवार की रात को सबसे पहले मंच के कलाकारों ने प्रार्थना की। जिसके बाद रामलीला का मंचन शुरू हुआ। मंचन में कैकेई मंथरा व दशरथ कैकेयी संवाद में राम वनवास मांगना दिखाया जाता है। इस दौरान सबसे पहले महाराजा दशरथ श्रीराम के राजतिलक की मुनियादी पूरे अयोध्या में करवा देते है। जिस पर यह सूचना मंथरा को पता चलती तो वह कैकेयी के पास जाती है। वे रानी को बहकाकर श्रीराम को वनवास और भरत का राजतिलक राजा दशरथ से वचन मांगने का आग्रह करती है। इस पर कैकेयी राजा दशरथ को अपना वचन याद दिलाती है। उनसे श्रीराम को 14 वर्षों का वनवास और भरत को राजतिलक का वचन ले लेती है। इसके बाद श्रीराम के साथ सीता और लक्ष्मण भी वनों में जाने के लिए तैयार होते है। अंतिम दृश्य में अयोध्या के वासी श्रीराम, लक्ष्मण व सीता को विदाई देते हैं। मंचन में राम के पात्र में चन्नी, लक्ष्मण के पात्र में विनोद, दशरथ के पात्र में जगजीत, सीता के पात्र में सुनील, मंथरा के पात्र में सतीश व कैकेयी के पात्र में रमेश ने मंच पर प्रस्तुति दी। इस मौके पर क्लब प्रधान मांगे राम खुरानियां, मंदिर समिति से रमेश एडवोकेट, धनश्याम दास, पवन मौजूद रहे।
तुम्हें याद होगा दो वरदान दिए थे, मरते हुई को मैने प्राण दिए थे
सीवन। श्री बाबा नारायण दास रंग मंच क्लब द्वारा आयोजित रामलीला में शनिवार रात की रामलीला का शुभारंभ पूर्व विधायक बूटा सिंह आर्य ने रिबन काट कर किया। रामलीला में कोप भवन के सीन में महाराजा दशरथ का रोल अश्वनी शर्मा ने निभाया। इस सीन में कैकेयी ने कहा कि हे मेरे स्वामी तुम्हें याद होगा दो वरदान दिए थे, मरते हुई को मैने प्राण दिए थे। दशरथ ने कहा कि भुला दूं मै कैसे कि दो वरदान दिए थे लेकिन जो कैकेयी तू वरदान मांग रही है इससे अच्छा तो तूने मेरी जान ही न बचाई होती। हार कर दशरथ ने दो वरदान भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास व भरत को राज तिलक का वरदान दे दिया। इस पर श्रीराम ने भी गीत है जान से प्यारा वचन, मेरा आन से प्यारा वचन से माहौल को गमगीन कर दिया। इस अवसर पर मांगे राम शर्मा, पवन शर्मा, सतीश सरदाना, डा. राम निवास शर्मा, बिट्टू गोल्डन, अमरजीत बंटी, रवि सैनी, पूर्ण चन्द भी मौजूद थे। I hope you got answer plz make me brainlist