Hindi, asked by reenadayal1982, 4 days ago

रे नृपबालक काल बस बोलत तोही न संभार। धनुही सम त्रिपुरारि धनु विदित सकल संसार।। दिए गए पंक्ति में आलम्बन विभाव बताइए-​

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Answered by shubham841423
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Answer: इस पंक्ति में लक्ष्मण जी के द्वारा व्यंग्य पर परशुराम जी ने प्रत्युत्तर देते हुए कहते है,हे मुर्ख बालक तुम ये सब काल बस बोले जा रहे हो, तुम्हारी मृत्यु तुम्हारे सिर पर मंडरा रही है ।

क्या तुम्हें पता नहीं कि ये धनुष शिव जी का है ,ये पूरे संसार को विदित है। तुम शिव जी के इस धनुष की समानता अपने बचपन के तूक्ष धनुहियो से कर रहे हो।

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