रानी विधवा हुई , हाय विधि को भी दया नहीं आई पंक्ति में कौन सा रस है
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रानी विधवा हुई , हाय विधि को भी दया नहीं आई पंक्ति में कौन सा रस है ?
उत्तर => इन पंक्तियों में शृंगार रस है
शृंगार रस की परिभाषा => शृंगार रस का स्थायी भाव प्रेम है। यह रस प्रेम भावनाओं द्वारा उत्पन्न होता है। यह रस दो प्रकार का होता है।
- संयोग रस
- वियोग रस
संयोग एवं वियोग रस प्रेम के दो भागों, मिलने एवं बिछड़ने को प्रदर्शित करते हैं।
रस की परिभाषा => काव्य को पढ़कर मिलने वाली अंदरूनी खुशी को रस कहा जाता है। इसे इस प्रकार समझा जा सकता है कि यदि कोई कविता पढ़कर आप प्रेरित एवं उत्तेजित हो जाते हैं तब उस कविता में वीर रस का प्रयोग किया गया है।इसी प्रकार अन्य कई प्रकार के रस हैं जिन्हे मिलाकर काव्य का निर्माण किया जाता है। यह सभी रस काव्य को गढ़ने के लिहाज से अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। विश्व में मौजूद हर तरह के काव्य में किसी न किसी प्रकार का रस सम्मिलित है।
किसी भी काव्य को पढ़कर उत्पन्न होने वाले अलग अलग भावों को रस का प्रकार कहा जाता है।
रस11 प्रकार के होते हैं =>
1.शृंगार रस 2. हास्य रस, 3. करूण रस 4. रौद्र रस 5. वीर रस 6. भयानक रस 7. बीभत्स रस 8. अद्भुत रस 9. शान्त रस 10. वत्सल रस 11. भक्ति रस