रोपाई का आघात क्या है? उसे कम करने के छः उपाय लिखिए
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जॉनसन एक कॉलेज फुटबाल खिलाडी थे। १९९१ में वे यूनिवर्सिटी ऑफ मायामी की राष्ट्रिय चैम्पियनशिप दिम का हिसा रहे। बाद में उन्होंने काल्गैरी स्टैम्पेडेर्स की ओर से कनेडियाई फूटबाल लीग में खेला पर उन्हें १९९५ में दो महीनों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया।[8] इसके परिणाम स्वरूप उन्होंने अपने दादा पिटर मैविया और पिता रॉकी जॉनसन की तरह कुश्तीबाज बनने का निर्णय लिया। उन्हें विश्व मनोरंजन कुश्तेबाजी (WWE) से लोकप्रियता हासिल हुई जिसे उस वक्त विश्व कुश्तीबाजी संघ (WWF) के नाम से जाना जाता था। जॉनसन को जल्द ही "रॉकी मैविया" के नाम से एक अच्छे किरदार के रूप में पेश किया गया और बाद में उन्होंने "द रॉक" का नाम रख लिया। डब्लूडबलूएफ से जुडने के दो साल बाद ही उन्होंने डब्लूडबलूएफ प्रतियोगिता जित ली और कंपनी के इतिहास में सर्वाधिक लोकप्रिय कुश्तीबाज बन गए।[9][10]
जॉनसन को अबतक के महान कुश्तीबाजों में से एक माना जाता है।[11][12] उन्होंने कुल १६ प्रतियोगिताएं जीती है जिसमे नौ विश्व हेवीवेट प्रतियोगिता, दो डब्लूडबलूएफ अंतर्खंडीय प्रतियोगिताएं और पाँच बार डब्लूडबलूएफ टैग टीम प्रतियोगिताएं शामिल है।
जॉनसन की आत्मकथा द रॉक सेज़... जिसे उन्होंने जों लेडन के साथ मिलकर लिखा था, को २००० में प्रकाशित किया गया। पुस्तक न्यू यार्क की सर्वश्रेष्ठ बिकने वाली किताबों की सूची में कई हफ्तों तक बनी रही। जॉनसन का अभिनेता के रूप में मुख्य किरदार २००२ में बनी द स्कोर्पियन किंग फ़िल्म में था। अपनी इस भूमिका के लिए उन्हें एक नए अभिनेता को अबतक दी गई सबसे अधिक रकम, $५५ लाख, मिली। [13] इसके बाद उन्होंने कई हिट फ़िल्मों में काम किया जिनमे द रनडाउन, बी कूल, वाकिंग टाल, ग्रिडआयरन गैंग, द गेम प्लैन, गेट स्मार्ट, रेस तीसरी दुनिया तक, प्लैनेट 51, टूथ फेरी, डूम, द ऑदर गाईज़, फास्टर और हाल ही में रिलीज़ हुए फ़ास्ट फाइव शामिल है जिसमे उन्होंने विन डीज़ल और पौल वाकर के साथ काम किया है।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 एक ऐसा अनुच्छेद था जो जम्मू और कश्मीर को स्वायत्तता प्रदान करता था।[1][2] संविधान के २१वें भाग में अनुच्छेद के बारे में परिचयात्मक बात कही गयी थी- अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष प्रावधान।[3] जम्मू और कश्मीर की संविधान सभा को, इसकी स्थापना के बाद, भारतीय संविधान के उन लेखों की सिफारिश करने का अधिकार दिया गया था जिन्हें राज्य में लागू किया जाना चाहिए या अनुच्छेद 370 को पूरी तरह से निरस्त करना चाहिए। बाद में जम्मू-कश्मीर संविधान सभा ने राज्य के संविधान का निर्माण किया और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की सिफारिश किए बिना खुद को भंग कर दिया, इस लेख को भारतीय संविधान की एक स्थायी विशेषता माना गया।