रुप रखा - एक किसान - उसकी पत्नी की धनी होने की कल्पना - परी के दर्शन - दो वरदान मांगने को कहना - किसान की पत्नी का लोभ - गहनों का शौक हाथ सोने के बना दो - हाथ रुक जाना - तकलीफ - दूसरा वरदान मांगना - हाथ पहले जैसा बना दो - परी का तथास्तु कहकर अपृश्य हो जाना कहानी लेखन
Answers
यह कहानी एक लोभ पर आधारित है| हमें जीवन में कभी भी लोभ नहीं करना चाहिए क्योंकि लोभ के कारण हम अच्छा अवसर भी गवां देते है|
एक किसान था| किसान और उसकी पत्नी एक सामान्य जीवन व्यतीत करते थे| उसकी पत्नी को ऐसी सामान्य जीवन से संतुष्टि नहीं थी| वह रोज़ सोचती रहती थी मेरे पास बहुत सारा पैसा हो और मैं अमीर बन जाऊं|
एक दिन सोच रही थी उसके सामने एक परी प्रकट हुई| वह परी को देखकर बहुत खुश हुई उसने परी को प्रणाम कहा और| परी खुश हुई | परी ने कहा तुम मुझसे कोई वर मांगो मैं तुमने दो वर दे सकती हूँ| मैं तुम्हारी इच्छाएँ पूरी कर दूंगी|
परी की बात सुन कर पत्नी के मन में लालच आ गया| उसे सोने के गहने पहनने का बहुत शोक था|
वह बोली , हे परी रानी , अगर तुम मेरे दोनों हाथ सोने के बना दो तुरंत किसान की पत्नी के हाथ सोने के बन गए | परंतु अब न अपने हाथों को मोड़ नहीं सकती थी और न ही कोई काम कर सकती थी| उसके कारण किसान की पत्नी को बहुत मुश्किल हो रही थी| किसान की पत्नी ने परी को बोला मुझे यह सोने के हाथ नहीं चहिए | मेरे इस हाथ को पहले जैसे बना दो| परी चली गई और किसान की पत्नी के हाथ पहले जैसे हो गए| लालच के कारण किसान के पत्नी के दोनों वरदान व्यर्थ चले गए|
शिक्षा: हमें जीवन में कभी भी लालच नहीं करना चाहिए| लालच का परिणाम कभी भी अच्छा नहीं होता है|
Answer:
यह कहानी एक लोभ पर आधारित है| हमें जीवन में कभी भी लोभ नहीं करना चाहिए क्योंकि लोभ के कारण हम अच्छा अवसर भी गवां देते है|
एक किसान था| किसान और उसकी पत्नी एक सामान्य जीवन व्यतीत करते थे| उसकी पत्नी को ऐसी सामान्य जीवन से संतुष्टि नहीं थी| वह रोज़ सोचती रहती थी मेरे पास बहुत सारा पैसा हो और मैं अमीर बन जाऊं|
एक दिन सोच रही थी उसके सामने एक परी प्रकट हुई| वह परी को देखकर बहुत खुश हुई उसने परी को प्रणाम कहा और| परी खुश हुई | परी ने कहा तुम मुझसे कोई वर मांगो मैं तुमने दो वर दे सकती हूँ| मैं तुम्हारी इच्छाएँ पूरी कर दूंगी|
परी की बात सुन कर पत्नी के मन में लालच आ गया| उसे सोने के गहने पहनने का बहुत शोक था|
वह बोली , हे परी रानी , अगर तुम मेरे दोनों हाथ सोने के बना दो तुरंत किसान की पत्नी के हाथ सोने के बन गए | परंतु अब न अपने हाथों को मोड़ नहीं सकती थी और न ही कोई काम कर सकती थी| उसके कारण किसान की पत्नी को बहुत मुश्किल हो रही थी| किसान की पत्नी ने परी को बोला मुझे यह सोने के हाथ नहीं चहिए | मेरे इस हाथ को पहले जैसे बना दो| परी चली गई और किसान की पत्नी के हाथ पहले जैसे हो गए| लालच के कारण किसान के पत्नी के दोनों वरदान व्यर्थ चले गए|
शिक्षा: हमें जीवन में कभी भी लालच नहीं करना चाहिए| लालच का परिणाम कभी भी अच्छा नहीं होता है|
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