रूपरेखा : जंगल में एक हाकू- लोगो के सिर काट लेना - एक महात्मा का नंगल से गुजरना - हाफू का उन्हें मारने के
लि। माना - महात्मा का गुस्कुराकर उस हाकू का स्वागत करना - हाकू का रुक जाना महागा का डाकू से सामनेवाले पेट की
टहनी तोह लाने को लिए कहना - टहनी वोडकर लाना - वहनी को फिर उसी जगह जोड़ने के लिए कहना - असंभव - फिर सिर
नयाँ काटते है? सीखा
Answers
Explanation:
वन विभाग द्वारा सदर प्रखंड के पोखरिया मौजा में करीब 50 एकड़ गैरमजुरूआ भूमि पर तीस वर्ष पूर्व जंगल लगाए गए। इससे स्वच्छ वातावरण के साथ-साथ वन्यप्राणियों का संरक्षण भी हो रहा है। इस जंगल में पेड़ काटने वालों के विरुद्ध कमेटी द्वारा सख्त कार्रवाई की जाती है। कमेटी के वनसंरक्षक अध्यक्ष मोती लाल टुडू, सदस्य रसिक लाल मरांडी, रसिक चन्द्र हेम्ब्रम, अशोक टुडू, लखन सोरेन, सिकंदर, हेम्ब्रम, सोना हांसदा, फुलचंद टूडू, रामशरी हांसदा ने कहा कि वेलोग पिछले बीस वर्षो से वन की सुरक्षा कर रहे हैं। जंगल में अवैध रूप से लकड़ी काटने वालों को कमेटी सभा में बुलाकर सामाजिक एवं शारीरिक दंड देती है।
कहा कि अलग राज्य गठन के बाद यहां के आदिवासी परिवारों में काफी जागरूकता आयी है। लोग जंगल को बचाने में जुट गए हैं। गांवों की रूपनी देवी, झूमरी देवी, लीलमुनी देवी, नुनिया देवी, फूलमनी देवी ने कहा कि जंगल उजड़ जाएगा तो जलावन कहां से आएगा। वन से हमें कई तरह का लाभ मिल रहा है। जंगल वातावरण को भी स्वच्छ रखने में मदद करता है। वन बचाना हम सभी का दायित्व है। ग्रामीणों के वन बचाओ अभियान से आज पोखरिया जंगल में करीब पचास एकड़ भूमि पर हजारों पेड़ झूम रहे हैं।
'ग्रामीण जंगल बचा रहे हैं तो अच्छा काम कर रहे हैं। कमेटी बनी है तो ठीक है, अगर कमेटी नहीं बनी है तो कमेटी बनाकर ग्रामीणों को हरसंभव मदद करने की पहल की जाएगी। जंगल सुरक्षा को लेकर तीन गांवों के ग्रामीणों की पहल सराहनीय है।
जेपीएन सिन्हा, डीएफओ, गिरिडीह