Political Science, asked by vishwajeet25051999, 1 month ago

रूसो की सामान्य इच्छा के सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।​

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Answered by prakashakash802
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Answer:

सामान्य इच्छा स्थायी है : रूसो के अनुसार- “सामान्य इच्छा का कभी अन्त नहीं होता, यह कभी भ्रष्ट नहीं होती। यह अपरिवर्तनशील तथा पवित्र होती है।” सार्वजनिक हित का मार्ग एक ही हो सकता है, इसलिए सामान्य इच्छा स्थिर और निश्चित है। ज्ञान और विवेक पर आधारित होने के कारण यह स्थायी है।

Explanation - :

सामान्य इच्छा का सम्बन्ध जनहित से होता है : रूसो की सामान्य इच्छा लोक कल्याण से सम्बन्ध रखती है। सामान्य इच्छा का उद्देश्य समाज के किसी एक अंग का विकास करना न होकर, सम्पूर्ण समाज का कल्याण करना है, रूसो का यह विचार सर्वसत्ताधिकारवादी विचार का पोषक हैं।

सामान्य इच्छा में बाध्यता की शक्ति है : रूसो की सामान्य इच्छा सम्प्रभु होने के कारण बाध्यता की शक्ति रखती है। उसका उद्देश्य सभी का कल्याण है, इसलिए कोई उसके विरुद्ध कदम नहीं उठा सकता। उसके पास कानून बनाने तथा दण्ड देने की शक्ति होती है। यदि यह शक्ति न हो तो कोई उसका पालन नहीं करेगा।

सामान्य इच्छा और सदैव न्यायशील है : सामान्य इच्छा सदैव न्यायशील होती है क्योंकि उसका उद्देश्य सदैव सामान्य होता है। रूसो के अनुसार- “सामान्य इच्छा सदैव ही विवेकपूर्ण एवं न्यायसंगत होती है क्योंकि जनता की वाणी वास्तव में देववाणी होती है। यह सभी की सामूहिक सदिच्छा है। इसमें कोई सदस्य अन्यायपूर्ण कार्य नहीं कर सकता।

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