रूस में छोटे आकार के खेतों से जुड़ी क्या समस्याएं थीं
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- इस शोध पत्र में भारत के छोटे एवं सीमांत किसानों द्वारा सामना की जा रही उन विभिन्न बाधाओं को तीखी नजर से परखा गया हैजो उनकी भूमि की उत्पादकता और इस तरह उनकी आय को भी बुरी तरह प्रभावित कर रही हैं। खेती–बाड़ी से जुड़ी तमाम गतिविधियों को इन बाधाओं से दो–चार होना पड़ रहा है, जिनमें उत्पादन से लेकर भंडारण एवं बाजारों तक पहुंच सभी शामिल हैं। हाल ही में कराए गए एक सरकारी सर्वेक्षण से यह निष्कर्ष उभर कर सामने आया है कि देश के हर दस किसानों में से चार किसान खेती को नापसंद करते हैं और यदि उन्हें कोई विकल्प दे दिया जाए तो वे इसे छोड़कर किसी और पेशे को अपनाना पसंद करेंगे। वैसे तो सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधारों की एक श्रृंखला जैसे कि ‘ई–नाम’और ‘कृषि यंत्रीकरण योजना’ शुरू की है , लेकिन इन कार्यक्रमों के लाभ ज्यादातर बड़े किसानों के ही खाते में चले गए हैं। इस शोध पत्र में उन विकट समस्याओं से निजात पाने के लिए विशिष्ट सिफारिशें की गई हैं जिनके कारण देश में किसी तरह से गुजर–बसर कर रहे किसानों को घोर दरिद्रता का सामना करना पड़ रहा है।
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इस शोध पत्र में भारत के छोटे एवं सीमांत किसानों द्वारा सामना की जा रही उन विभिन्न बाधाओं को तीखी नजर से परखा गया हैजो उनकी भूमि की उत्पादकता और इस तरह उनकी आय को भी बुरी तरह प्रभावित कर रही हैं। खेती–बाड़ी से जुड़ी तमाम गतिविधियों को इन बाधाओं से दो–चार होना पड़ रहा है, जिनमें उत्पादन से लेकर भंडारण एवं बाजारों तक पहुंच सभी शामिल हैं। हाल ही में कराए गए एक सरकारी सर्वेक्षण से यह निष्कर्ष उभर कर सामने आया है कि देश के हर दस किसानों में से चार किसान खेती को नापसंद करते हैं और यदि उन्हें कोई विकल्प दे दिया जाए तो वे इसे छोड़कर किसी और पेशे को अपनाना पसंद करेंगे। वैसे तो सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधारों की एक श्रृंखला जैसे कि ‘ई–नाम’और ‘कृषि यंत्रीकरण योजना’ शुरू की है , लेकिन इन कार्यक्रमों के लाभ ज्यादातर बड़े किसानों के ही खाते में चले गए हैं। इस शोध पत्र में उन विकट समस्याओं से निजात पाने के लिए विशिष्ट सिफारिशें की गई हैं जिनके कारण देश में किसी तरह से गुजर–बसर कर रहे किसानों को घोर दरिद्रता का सामना करना पड़ रहा है