रास्ता
डगर
आगम
लहरा
उठा
फदम
दूर
दरख
फटिन ना सोच रात 3 2 दिन
U
साही
हुए
कुदम उठा
कोश
एक एक दिन
तुझे बुला रही पनि
कठिन विषम
बढ़ा
निहारी तुझे विजय पुकारती नुने
रही
भारती तुझे
बुला
और है रहा प्रतीर रक्त
डील
जिरी तुझे
तुझे ना
डगर
सार्व सुज
महान
बहा
तक्त
हुध रहा
का
प्रस्तुत
शीर्षक दिजिए
भावार्थ दिजिए।
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Sorry friend I am not understand your question.
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