Science, asked by palv40388, 8 months ago

रासायनिक समीकरण में अभिकारक तथा उत्पाद किस प्रकार
लिखे जाते हैं?
है। एक से​

Answers

Answered by shivampandey20255
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Answer:

रासायनिक समीकरण

अन्य परिभाषा

मिथेन का दहन

किसी रासायनिक अभिक्रिया के प्रतीकात्मक निरूपण को रासायनिक समीकरण (chemical equation) कहते हैं।

इसे समीकरण इसलिये कहा जाता है कि इसमें समता चिन्ह (=) का प्रयोग किया जाता है (= के स्थान पर → का भी प्रयोग किया जाता है)। समता चिन्ह के बायीं ओर क्रिया करने वाले (अभिकारक) (reactants) लिखे जाते हैं तथा इसके दायीं ओर उत्पाद (products) लिखे जाते हैं। समीकरण का अधार यह है कि किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले भिभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या अभिक्रिया के उपरान्त भी अपरिवर्तित रहती है।

सबसे पहले रासायनिक समीकरण द्वारा रासायनिक अभिक्रिया का निरूपण सन १६१५ में जीन बेग्विन ने किया।

उदाहरण

2Na + O2 → 2NaO

प्रमुख प्रतीक

विभिन्न प्रकार की अभिक्रियाओं में अन्तर करने के लिए विभिन्न प्रकार के संकेत प्रयोग किए जाते हैं।

"" -- यह संकेत रससमीकरणमितीय (स्टॉइकियोमेट्रिक) सम्बन्धों को दिखाने के लिए प्रयुक्त होता है।

"

" -- यह संकेत किसी नेट अग्रगामी अभिक्रिया (net forward reaction) को दर्शाने के लिए प्रयुक्त होता है ।

"

" -- यह संकेत ऐसी अभिक्रिया को दर्शाने के लिए किया जाता है जो अग्र और पश्च दोनों दिशाओं में हो रही हो।[1]

"

" -- यह संकेत किसी रासायनिक साम्य को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है।

रासायनिक समीकरणों को संतुलित करना

P4O10 + 6 H2O → 4 H3PO4

इस रासायनिक अभिक्रिया को संतुलित करने के लिए सबसे पहले H3PO4 को 4 से गुणा करते P के परमाणुओं को बराबर कर लिया गया। इसके बाद H2O को 6 से गुणा करके H और O के परमाणुओं को बराबर कर लिया गया।

किसी रासायनिक अभिक्रिया को संतुलित करने का अर्थ है कि अभिकारकों और उत्पादों के न्यूनतम पूर्णांक अणुओं की संख्या लिखना ताकि रासायनिक अभिक्रिया में जिन शर्तों का पालन होता है, समीकरण में भी उन नियमों का पालन हो। उदाहरण के लिए निम्नलिखित अभिक्रिया को देखिए-

देबा

इस अभिक्रिया को संतुलित करने का अर्थ है, a, b, c, d, e के न्यूनतम पूर्णांक मान निकालना ताकि किसी भी तत्व के लिए समीकरण के दाएं पक्ष तथा बाएं पक्ष में आये हुए सभी परमाणुओं की संख्या समान हो। a, b, c, d, e 8 आदि गुणांकों का मान सरल गणना द्वारा (hit and try) किया जा सकता है या कुछ मूलभूत नियमों को लगाकर किया जा सकता है। किन्तु दोनों विधियाँ समय लगातीं हैं। इस काम को विधिवत करने की रीति है, युगपत समीकरण बनाकर उन्हें हल करना।

उपरोक्त रासायनिक अभिक्रिया को संतुलित करने कि लिए हम निम्नलिखित युगपत समीकरण बनाते हैं-

इन समीकरणों को समझना सरल है। उपरोक्त अभिक्रिया के बाएँ पक्ष में सोडियम के 2a परमाणु हैं और दाएँ पक्ष में d परमाणु। अतः

। इसी तरह अन्य समीकरणों को समझ सकते हैं।

समीकरण बनाने के बाद हम देखते हैं कि अज्ञात राशियों की संख्या ५ है जबकि समीकरणों की संख्या केवल ४। इसका अर्थ हुआ कि हम किसी एक अज्ञात राशि का मान अपनी इच्छानुसार चुनते हुए आगे बढ़ सकते हैं। माना हम

रख देते है तो शेष अज्ञात राशियों के मान ये होंगे:

,

,

तथा

। संयोग से ये सभी मान पूर्णांक हैं।

किन्तु यदि हम

लेकर चले होते तो अन्य अज्ञात राशियों के मान ये होते:

,

,

तथा

, जिनमें कई पूर्णांक नहीं हैं। यदि सभी मानों को 2 से गुणा कर दें तो सभी पूर्णांक हो जायेंगे (ऊपर वाला हल ही मिल जाएगा)। इसी तरह 4, 6, 8, … से गुणा करने पर भी हमें सभी अज्ञात राशियों के मान पूर्णांक प्राप्त होंगे किन्तु समीकरण के गुणांकों का मान न्यूनतम पूर्णांक होना बेहतर माना जाता है। (अर्थात a, b, c, d, e के मानों का महत्तम समापवर्तक (HCF) 1 से अधिक नहीं होना चाहिए।

इस प्रकार उपरोक्त अभिक्रिया का संतुलित रूप यह होगा:

सन्दर्भ

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