Hindi, asked by tannu9495, 2 months ago

रिश्वत लेने वालों पर करारा परवाह करते हुए एक कार्टून लिखिए​

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Answered by binodbam2003
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Answer:

उन्होंने कहा कि एक्ट में संशोधन ने विजिलेंस ब्यूरो को किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करते समय मनमाने फैसले लेने या सिफारिशें करने संबंधी आरोपों की जांच या पूछताछ के लिए संबंधित सरकार या सक्षम प्राधिकारी से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य बना दिया गया है।

लेकिन, उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में उक्त मंजूरी जरूरी नहीं होगी, जिनमें रिश्वत लेने के आरोप में व्यक्ति की गिरफ्तारी शामिल हो। उन्होंने बताया कि वाणिज्यिक संगठनों को जुर्माने से दंडित किया जाएगा अगर ऐसे संगठन किसी सरकारी कर्मचारी से अनाधिकृत सुविधाएं लेने के लिए उनकी हथेली गरम करने के दोषी पाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक संगठन के प्रभारी व्यक्ति को अपराध का दोषी पाए जाने पर उसे जुर्माना या जुर्माना राशि के बिना तीन से सात साल तक कारावास की सजा हो सकती है। उन्होंने बताया कि पीसी अधिनियम के तहत अब किसी भी अपराध का ट्रायल दो साल की अवधि में समाप्त होगा। इसके अलावा, देरी के मामले में, वैध कारणों को विशेष न्यायाधीश द्वारा दर्ज किया जाएगा और इसके बावजूद भी ट्रायल पूरा होने की कुल अवधि चार वर्ष से अधिक नहीं होगी।

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