रेशम जैसी हँसती-खिलती,
नभ से आई एक किरन।
आँचल भरकर मीठी-मीठी,
खुशियाँ लाई एक किरन।
पड़ी ओस की थीं कुछ बूँदें,
झिलमिल-झिलमिल पत्तों पर।
उनमें जाकर, दिया जलाकर
ज्यों मुसकाई एक किरन।
लाल-लाल थाली-सा सूरज,
उठकर आया पूरब में।
फिर सोने के तारों जैसे,
नभ में छाई एक किरन।
एक किरन से बदल गया जग,
चिड़ियाँ गाती गीत चलीं।
हवा चली, हिल उठे पेड़ सब,
सबको भायी एक किरन।
सूरज आया, दिन मुसकाया,
जागी दुनिया, सुबह हुई।
नया-नया मन, ताज़ा जीवन,
सब कुछ लाई एक किरन।
- श्री प्रसाद
1. प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
(क) एक किरण कहाँ से आई? वह कैसी थी?
(ख) एक किरण आँचल में क्या भरकर लाई?
(ग) सूरज और किरण की तुलना किन-किन से की गई है?
(घ) एक किरण से जग किस प्रकार बदल गया?
(ङ) 'सब कुछ लाई एक किरन' का आशय स्पष्ट कीजिए। ( मूल्यपरक प्रश्न)
Answers
Answer:
oh goddd i lovee thisss poemmm♾️♾️
(क) एक किरण कहाँ से आई? वह कैसी थी?
उत्तर : एक किरण नभ यानि आकाश से आई।
(ख) एक किरण आँचल में क्या भरकर लाई?
उत्तर : एक किरण आँचल मे भरकर मीठी-मीठी खुशियाँ लाई।
(ग) सूरज और किरण की तुलना किन-किन से की गई है?
उत्तर : सूरज और किरण की तुलना में सूरज की तुलना थाली से और किरण की तुलना सोने के तारों से की गई है।
(घ) एक किरण से जग किस प्रकार बदल गया?
उत्तर : एक करिण से जगह इस प्रकार बदल गया कि चिड़ियाँ गीत गाती रहीं, हवा चली, पेड़ हिलने लगे।
(ङ) 'सब कुछ लाई एक किरन' का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : 'सब कुछ लाई एक किरन' का आशय ये है कि किरण अपने साथ नया मन लाई, वह ताजा जीवन लाई, सूरज आया और दिन भी मुस्कुराने लगा।
#SPJ2
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दिए गए पद्यांश का भावार्थ लिखिए -
बहुत दिनों के बाद
अबकी मैने जी भर देखी,
पकी- सुनहरी फसलों की मुस्कान !
बहुत दिनों के बाद।
अबकी मैं जी भी सुन पाया
धान कूटती किशोरियों की कोकिल - कंठी तान।
बहुत दिनों के बाद
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निम्नलिखित पद्यांश की संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए
(क) बिका दिया घर द्वार,
महाजन ने न ब्याज की कौड़ी छोड़ी,
रह-रह आँखों में चुभती वह,
कुर्क हुई बरधों की जोड़ी!
उजरी उसके सिवा किसे कब
पास दुहाने आने देती?
अह, आँखों में नाचा करती,
उजड़ गई जो सूख की खेती!
https://brainly.in/question/38663690