राष्ट्र सारडा सटरको बाट
3. क्या आपको ज्ञात है कि मधुमक्खियाँ पर्यावरण की रक्षा में क्या महत्वपूर्ण भूमिका निभा
जानकारी इकट्ठी कीजिए।
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मधुमक्खियों को देखते ही हम डर जाते हैं कि कहीं हमें अपने डंक से चोट न पहुँचा दें लेकिन मधुमक्खियों के बारे में बारे में कुछ बातें हैं जो हमें जाननी चाहिए. मधुमक्खी सबसे ज्यादा मेहनत करने वाली प्रजातियों में आती है.
ये हमारे जीवन के लिए कितनी जरूरी हैं इसका हमें अंदाजा भी नहीं होगा. आइए हम आपको बताते हैं मधुमक्खियों से जुड़े हुए कुछ रोचक तथ्य जिन्हें जानकार हैरान रह जायेंगे आप पूरे विश्व में मधुमक्खियों की 20,000 से ज्यादा प्रजातियाँ है लेकिन इनमें से सिर्फ 4 ही शहद बना सकती है.
एक छत्ते में 20 से 60 हजार मादा मधुमक्खियाँ, कुछ सौ नर मधुमक्खियाँ और 1 रानी मधुमक्खी होती है. इनका छत्ता मोम से बना होता है जो इनके पेट की ग्रंथियों से निकलता है.
मधुमक्खी धरती पर अकेली ऐसी insects है जिसके द्वारा बनाया गया भोजन मनुष्य द्वारा खाया जाता है.
केवल मादा मधुमक्खी ही शहद बना सकती है और डंक मार सकती है. नर मधुमक्खी (drones) तो केवल रानी के साथ सेक्स करने के पैदा लिए होते है.
मधुमक्खी 24KM/H की रफ्तार से उड़ती है और एक सेकंड में 200 बार पंख हिलाती है. मतलब, हर मिनट 12,000 बार.
मधुमक्खियों में कुत्तों की तरह ही बम ढूँढने की शक्ति भी होती है. इनमें 170 तरह के सूंघने वाले रिसेप्टर्स होते हैं जबकि मच्छरों में सिर्फ 79 ही होते हैं.
7. मधुमक्खी फूलों की तलाश में छत्ते से 10 किलोमीटर दूर तक चली जाती है. यह एक बार में 50 से 100 फूलों का रस अपने अंदर इकट्ठा कर सकती है. इनके पास एक एंटिना टाइप छड़ी होती है जिसके जरिए ये फूलों से '' चूस लेती है.
' का कुछ भाग इनके भोजन के रूप में चला जाता हैं और बाकी भाग से ये शहद बनाकर वापस निकाल देती हैं जिसे कुछ लोग उल्टी भी कहते है.
1 किलो शहद बनाने के लिए पूरे छत्ते को लगभग 40 लाख फूलों का रस चूसना पड़ता है और 90,000 मील उड़ना पड़ता है, यह धरती के तीन चक्कर लगाने के बराबर है.
10. पूरे साल मधुमक्खियों के छत्ते के आसपास का तापमान 33°C रहता है. सर्दियों में जब तापमान गिरने लगता है तो ये सभी आपस में बहुत नजदीक हो जाती है ताकि गर्मी बनाई जा सके. गर्मियों में ये अपने पंखों से छत्ते को हवा देते है आप कुछ दूरी पर खड़े होकर इनके पंखो की '' जैसी आवाज सुन सकते है.
एक मधुमक्खी अपनी पूरी जिंदगी में चम्मच के 12वें हिस्से जितना ही शहद बना पाती है. इनकी जिंदगी 45 दिन की होती है.
नर मधुमक्खी, सेक्स करने के बाद मर जाती है. क्योंकि सेक्स के आखिर में इनके अंडकोष फट जाते है.
नर मधुमक्खी यानि Drones का कोई पिता नहीं होता बल्कि सिर्फ माता होती है, क्योंकि ये unfertilized eggs से पैदा होते है. ये वो अंडे होते है जो रानी मधुमक्खी बिना किसी नर की सहायता के स्वयं अकेले पैदा करती है.
14. शहद में '' की मात्रा ज्यादा होने की वजह से यह चीनी से भी 25% ज्यादा मीठा होता है.
15. शहद, हजारों साल तक भी खराब नही होता. यह एकमात्र ऐसा फूड है जिसके अंदर जिंदगी जीने के लिए आवश्यक सभी चीजें पाई जाती है: Enzymes: इसके बिना हम सांस ली गई आक्सीजन का भी प्रयोग नही कर सकते, Vitamins: पोषक तत्व, Minerals: खनिज पदार्थ, पानी आदि . यह अकेला ऐसा भोजन भी है जिसके अंदर '' नाम का एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो दिमाग की गतिविधियाँ बढ़ाने में सहायक है.
16. रानी मधुमक्खी पैदा नही होती बल्कि यह बनाई जाती है. यह 5-6 दिन की होते ही सेक्स करने के लायक हो जाती है. ये नर मधुमक्खी को आकर्षित करने के लिए हवा में '' नाम का केमिकल छोड़ती है. जिससे नर भागा चला आता है फिर ये दोनों हवा में सेक्स करते है।
रानी मधुमक्खी की उम्र 5 साल तक हो सकती है. यह छत्ते की अकेली ऐसी मेम्बर है जो अंडे पैदा करती है. यह गर्मियों में बहुत बिजी हो जाती है क्योंकि इस समय छत्ते की जनसंख्या maximum हो जाती है. ये जिंदगी में एक ही बार सेक्स करती है और अपने अंदर इतने स्पर्म इकट्ठा कर लेती है कि फिर उसी से पूरी जिंदगी अंडे देती है. यह एक दिन में 2000 अंडे से सकती है. मतलब, हर 45 सेकंड में एक.
मात्र 28 ग्राम शहद से मधुमक्खी को इतनी शक्ति मिल जाती है कि वो पूरी धरती का चक्कर लगा देगी.
19. धरती पर मौजूद सभी जीव-जंतुओं में से, मधुमक्खियों की भाषा सबसे कठिन है. 1973 में 'Karl von Frisch' को इनकी भाषा "" को समझने के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था.
एक छत्ते में 2 रानी मधुमक्खी नहीं रह सकती, अगर रहेगी भी तो केवल थोड़े समय के लिए. क्योंकि जब दो queen bee आपस में मिलती है तो वे दोस्ती करने की बजाय एक दूसरे पर हमला करना पसंद करती है. और ये तब तक जारी रहता है जब तक एक की मौत न हो जाए.
मानव जीवन भी धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा. क्योंकि धरती पर मौजूद 90% खाद्य वस्तुओं का उत्पादन करने में मधुमक्खियों का बहुत बड़ा हाथ है. बादाम, काजू, संतरा, पपीता, कपास, सेब, काॅफी, खीरे, बैंगन, अंगूर, कीवी, आम, भिंडी, आड़ू, नाशपाती, मिर्च, स्ट्राबेरी, किन्नू, अखरोट, तरबूज आदि का परागन मधुमक्खी द्वारा होता है.
जबकि गेँहू, मक्कें और चावल का परागण हवा द्वारा होता है. इनके मरने से 100 में 70 फसल तो सीधे तौर पर नष्ट हो जाएगी, यहाँ तक कि घास भी नही उगेगा. महान वैज्ञानिक '' ने भी कहा था कि अगर धरती से मधुमक्खियाँ खत्म हो गई तो मानव प्रजाति ज्यादा से ज्यादा 4 साल ही जीत नहीं रह पाएगी.
इसलिए मधुमक्खी को पर्यावरण का उपयोगी जीव कहा गया है।