Economy, asked by Steven3550, 11 months ago

राष्ट्रीय आय की गणना की विभिन्न विधियों का विस्तृत वर्णन कीजिए।

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Answered by anusoni34
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Answer:

राष्ट्रीय आय की गणना के लिए मुख्य रूप से निम्नलिखित विधियों का प्रयोग किया जाता है :-

  1. उत्पाद विधि / उत्पादन गणना प्रणाली
  2. आय विधि
  3. व्यय विधि

(1) उत्पादन गणना प्रणाली : इस विधि को औद्योगिक उद्‌गम प्रणाली या सूची गणना (Inventory Method) भी कहते हैं । इस विधि के अनुसार किसी अर्थव्यवस्था में एक वर्ष में जो वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन होता है, उसके कुल मूल्य का जोड़ (Sum) लगा लिया जाता है । जोड़ लगाते समय दोहरी गणना (Double Counting) से बचने के लिए केवल अन्तिम वस्तुओं और सेवाओं को ही सम्मिलित किया जाता है ।

(2) आय की गणना प्रणाली :- इस प्रणाली के अन्तर्गत देश में विभित्र वर्गों की अर्जित आय को जोड़ लिया जाता है । उत्पत्ति के विभिन्न साधनों द्वारा उपलब्ध शुद्ध आय की गणना कर ली जाती है । इस प्रणाली में देश के सभी नागरिकों की आय का योग किया जाता है ।

निम्नलिखित भुगतानों का योग ही राष्ट्रीय आय होती है:

(i) मजदूरी एवं पारिश्रमिक

(ii) स्वनयुक्त (Self-Employed) आय

(iii) कर्मचारियों के कल्याण के लिए अंशदान

(iv) लाभांश

(v) ब्याज

(vi) अतिरिक्त लाभ

(vii) लगान और किराया

(viii) सरकारी उद्यमों के लाभ

(ix) विदेशों से साधनों की शुद्ध आय

(viii) सरकारी उद्यमों के लाभ

(3) व्यय की गणना प्रणाली :- इस प्रणाली में हम एक वर्ष में अर्थव्यवस्था में होने वाले व्यय के कुल प्रवाह का योग करते हैं ।

(4) सामाजिक लेखांकन प्रणाली :-इस विधि के अनुसार सम्पूर्ण समाज में लेन-देन करने वालों को विभिन्न वर्गों में बाँटा जाता है । ये वर्ग उत्पादक, व्यापारी, अन्तिम उपभोक्ता आदि के रूप में होते हैं । इस विधि का प्रतिपादन आर्थिक मन्दी के पश्चात् अनेक प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों द्वारा किया गया और यह विधि राष्ट्रीय आय गणना की नवीनतम विधि मानी जाती है ।

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