Social Sciences, asked by andanarjuna6210, 1 year ago

राष्ट्रीय आय की गणना क्यों की जानी चाहिए? कोई तीन कारण दीजिए।

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Answered by gajendrabishnoi5529
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किसी देश की उत्पादन व्यवस्था से अंतिम उपभोक्ता के हाथों में जाने वाली वस्तुओं या देश के पूँजीगत साधनों के विशुद्ध जोड़ को ही *राष्ट्रीय आय* कहते हैं। किसी देश के नागरिकों का सकल घरेलू एवं विदेशी आउटपुट सकल राष्ट्रीय आय कहलाता है।

राष्ट्रीय आय की परिभाषा -

किसी भी अर्थव्यवस्था में वस्तुओ और सेवाओ का प्रवाह , उत्पादन और उनमे होने वाली वृद्धि को राष्ट्रीय आय से जोड़ा जाता है

राष्ट्रीय आय की गणना निम्न विधि से करते है -

आय विधि – उत्पादन के कारकों के मिलने वाले प्रतिफल का योग

समस्या – वही पर लागु हो सकता था , जहाँ उत्पादक कारक ज्ञान है .

संगठित क्षेत्र – जहाँ उत्पादन का रजिस्ट्रेशन हो

असंगठित क्षेत्र – उत्पादन करने वाले जिसका रजिस्ट्रेशन हो ,उत्पादन के कारक , आय की घोषणा नहीं करते

जैसे – भारत में अधिकतर लोग ऐसे हैं ( जैसे समोसे वाला ) इस विधि से केवल सरकारी और प्राइवेट जॉब तक गणना सीमित रहा

व्यय विधि –

आय = व्यय + बचत ( ज्ञात हो )

यदि अर्थव्यवस्था के हर बिंदु पर होने वाले व्यय ज्ञात हो

अगर व्यय ,बचत ज्ञात हो तो इन दोनों को जोड़कर राष्ट्रीय आय का अनुमान लगा सकते है .

समस्या – भरता में बिल न लेने देने की समस्या , ज्यादातर खर्च रजिस्टर्ड ( पंजीकृत ) नहीं होते थे

उत्पादन विधि – राष्ट्रीय आय की गणना में सबसे सही तरीका बनकर उभरा

किसी वित्तीय वर्ष में अंतिम उत्पादित वस्तु और सेवा का मौद्रिक ( आय ) , राष्ट्रीय आय है.

अतः राष्ट्रीय आय - १. एक वित्तीय वर्ष में , २. उत्पादित अंतिम वस्तुओ व सेवाओ का शुध्द मूल्य का योग

( विदेशो से अर्जित शुध्द आय भी शामिल )

अंतिम उत्पादन ही क्यों – ताकि एक ही चीज की बार-बार गणना न हो .

जैसे – गेहूं => आटा => ब्रेड => पिज्जा

५ /- १० /- २० /- ५० /- अंतिम उत्पाद

५ + १० + २० +५० =८५ (ऐसा गणना नहीं करना)

यहाँ उत्पादित मूल्य नहीं , मूल्यवर्धन (Value Addn) जोडन चाहिये

मूल्य-वर्धन = (गेहूं) ५ + ५ + १० + ३० => ५० [मूल्यवर्धन = अंतिम उत्पाद की कीमत]

राष्ट्रीय आय को दर्शाने वाली विधियां

१.सकल घरेलु उत्पाद

२.सकल राष्ट्रीय उत्पाद

३.शुध्द घरेलु उत्पाद

४.शुध्द राष्ट्रीय उत्पाद

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आधार वर्ष- राष्ट्रीय आय पर महंगाई का प्रभाव न दिखे इसलिए हमेशा आधार वर्ष लिया जाता है। जैसे -(1). 2015-16 में [100 (पैन)× 10₹]= 1000₹

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