राष्ट्रीय आय की दो विशेषताएँ बताइए।
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Answer:
किसी देश की उत्पादन व्यवस्था से अंतिम उपभोक्ता के हाथों में जाने वाली वस्तुओं या देश के पूँजीगत साधनों के विशुद्ध जोड़ को ही *राष्ट्रीय आय* कहते हैं। किसी देश के नागरिकों का सकल घरेलू एवं विदेशी आउटपुट सकल राष्ट्रीय आय कहलाता है।
राष्ट्रीय आय की परिभाषा -
किसी भी अर्थव्यवस्था में वस्तुओ और सेवाओ का प्रवाह , उत्पादन और उनमे होने वाली वृद्धि को राष्ट्रीय आय से जोड़ा जाता है
राष्ट्रीय आय की गणना निम्न विधि से करते है -
आय विधि – उत्पादन के कारकों के मिलने वाले प्रतिफल का योग
समस्या – वही पर लागु हो सकता था , जहाँ उत्पादक कारक ज्ञान है .
संगठित क्षेत्र – जहाँ उत्पादन का रजिस्ट्रेशन हो
असंगठित क्षेत्र – उत्पादन करने वाले जिसका रजिस्ट्रेशन हो ,उत्पादन के कारक , आय की घोषणा नहीं करते
जैसे – भारत में अधिकतर लोग ऐसे हैं ( जैसे समोसे वाला ) इस विधि से केवल सरकारी और प्राइवेट जॉब तक गणना सीमित रहा
व्यय विधि –
आय = व्यय + बचत ( ज्ञात हो )
यदि अर्थव्यवस्था के हर बिंदु पर होने वाले व्यय ज्ञात हो
अगर व्यय ,बचत ज्ञात हो तो इन दोनों को जोड़कर राष्ट्रीय आय का अनुमान लगा सकते है .
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Answer:दो विशे षता आय की
Explanation:
नेशनल इनकम वो आय है जो किसी भी देश की आर्थिक व्यवस्था को बता सकती है कोई भी देश कितना उत्पादन कर रहा है , कितना बेच रहा है उससे हम उस देश की व्यवस्था बता सकते है. किसी भी देश को खड़े रहने के लिए उसकी पैसो का मोल भाव होना जरुरी है कितना पैसा सोने में है और कितना लिक्विड मनी है मार्किट को देख कर ही बैंक लोन देती है। ज्यादा पैसा मार्किट में दाल देने से भी नुक्सान होता है.
मार्शल ने कहा था किसी भी देश का पूरा आय निकलने के लिए हमे ये जानना होगा की वो देश कितना प्रोडक्शन करता है उसमें से हमे उसकी मशीनरी एवं लबोर का खर्च हाट देना चाहिए ा और जो बचे , फिर मार्किट में वो किस रेट पर बेचा जा सकता है.