राष्ट्रीय अखंडता का क्या तात्पर्य है
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Explanation:
राष्ट्रीय अखंडता :-
राष्ट्रीय अखंडता का तात्पर्य विभिन्न जातियों, संप्रदायों, धर्मों, भाषाओं और क्षेत्रों की विविधता के बावजूद एक राष्ट्र की भावना से है। किसी भी देश की ताकत और प्रगति के लिए सभी समाज और समुदायों के बीच एकता और सामंजस्य की भावना होना जरूरी है। यह एक देश में रहने वाले सभी लोगों के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करती है।
चुनार। संस्कृत महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय एकता दिवस समारोहपूर्वक मनाया गया।
इस दौरान प्राचार्य ब्रम्हानंद शुक्ल ने छात्राें एवं उपस्थित लोगों को एकता एवं भाई चारे का पाठ पढ़ाया। श्री शुक्ल ने कहा देश का विकास तभी होगा जब आपस में एकता होगी। हर नागरिक का दायित्व है कि वह राष्ट्रीय एकता और अखंडता को अक्षुण्ण बनाए रखें। किसी भी देश व समाज का विकास तभी संभव होता है जब वहां के लोगों के अंदर देश प्रेम के साथ एकता की भावना हो। जब तक समाज में भाई चारा व समरसता कायम नहीं होगी किसी भी समाज का विकास नहीं हो सकता। कहा कि राष्ट्रीय एकता का तात्पर्य सिर्फ आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक एवं वैचारिक एकता के रूप में नही देखना चाहिए। देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपने परिवार, पड़ोस एवं आस पास के लोगों से भाईचारा कायम रखें। जब परिवार मजबूत होगा तो समाज मजबूत होगा तभी देश मजबूत होगा और देश का समग्र विकास होगा।