✌ 'राष्ट्रीय एकता' इस विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में
लिखिए।
Answers
Answer:
राष्ट्रीय एकता का अर्थ
एकता का साधारण अर्थ होता है मिल-जूल कर कार्य करना। राष्ट्रीय एकता एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया व एक भावना है जो किसी राष्ट्र अथवा देश के लोगों में भाई-चारा अथवा राष्ट्र के प्रति प्रेम एवं अपनत्व का भाव प्रदर्शित करती है। एकता का महत्व मनुष्य को तभी पता चलता है जब वो बिलकुल आदिम अवस्था में होता है |
Hope this will help you •••
Answer:
राष्ट्र के लिए ‘एकता’ आवश्यक – किसी भी राष्ट्र के लिए एकता का होना अत्यंत आवश्यक है | भारत जैसे विविधताओं भरे देश में तो राष्ट्रिय एकता ही सीमेंट का कम कर सकती है | पिछले कई वर्षो से पाकिस्तान भारत में हिन्दू-सिख या हिन्दू-मुसलमान का भेद खड़ा करके इसी सीमेंट को उखाड़ना चाह रहा है | अंग्रेजों ने हिन्दू और मुसलमान का भेद खड़ा करके भारत पर सैंकड़ो वर्ष तक राज किया | परंतु जब भारत की भोली जनता ने अपने भेद-भाव भुलाकर ‘भारतीयता’ का परिचय दिया, तो विश्वजयी अंग्रेजों को देख छोड़कर वापस जाना पड़ा |
राष्ट्र के लिए ‘एकता’ आवश्यक – किसी भी राष्ट्र के लिए एकता का होना अत्यंत आवश्यक है | भारत जैसे विविधताओं भरे देश में तो राष्ट्रिय एकता ही सीमेंट का कम कर सकती है | पिछले कई वर्षो से पाकिस्तान भारत में हिन्दू-सिख या हिन्दू-मुसलमान का भेद खड़ा करके इसी सीमेंट को उखाड़ना चाह रहा है | अंग्रेजों ने हिन्दू और मुसलमान का भेद खड़ा करके भारत पर सैंकड़ो वर्ष तक राज किया | परंतु जब भारत की भोली जनता ने अपने भेद-भाव भुलाकर ‘भारतीयता’ का परिचय दिया, तो विश्वजयी अंग्रेजों को देख छोड़कर वापस जाना पड़ा | एकता के बाधक तत्व – भारत में धर्म, भाषा, प्रांत, रंग, रूप, खान-पान, रहन-सहन, आचार-विचार की इतनी विविधता है किइसमें राष्ट्रिय एकता होना कठिन काम है |कहीं प्रांतवाद के नाम पर कश्मीर, पंजाब, नागालैंड, गोरखालैंड आदि अलग होने की बात करते है | कहीं हिंदी और अहिंदी प्रदेश का झगड़ा है | कही उत्तर-दक्षिण का भेद है | कहीं मंदिर-मस्जिद का विवाद है |
राष्ट्र के लिए ‘एकता’ आवश्यक – किसी भी राष्ट्र के लिए एकता का होना अत्यंत आवश्यक है | भारत जैसे विविधताओं भरे देश में तो राष्ट्रिय एकता ही सीमेंट का कम कर सकती है | पिछले कई वर्षो से पाकिस्तान भारत में हिन्दू-सिख या हिन्दू-मुसलमान का भेद खड़ा करके इसी सीमेंट को उखाड़ना चाह रहा है | अंग्रेजों ने हिन्दू और मुसलमान का भेद खड़ा करके भारत पर सैंकड़ो वर्ष तक राज किया | परंतु जब भारत की भोली जनता ने अपने भेद-भाव भुलाकर ‘भारतीयता’ का परिचय दिया, तो विश्वजयी अंग्रेजों को देख छोड़कर वापस जाना पड़ा | एकता के बाधक तत्व – भारत में धर्म, भाषा, प्रांत, रंग, रूप, खान-पान, रहन-सहन, आचार-विचार की इतनी विविधता है किइसमें राष्ट्रिय एकता होना कठिन काम है |कहीं प्रांतवाद के नाम पर कश्मीर, पंजाब, नागालैंड, गोरखालैंड आदि अलग होने की बात करते है | कहीं हिंदी और अहिंदी प्रदेश का झगड़ा है | कही उत्तर-दक्षिण का भेद है | कहीं मंदिर-मस्जिद का विवाद है | एकता तोड़ने के दोषी – राष्ट्रय एकता तोड़ने के वास्तविक दोषी हैं – राजनीतक नेता | वे अपने वोट-बैंक बनाने के लिए किसी को जाती के नाम पर तोड़तें है, किसी को धर्म, भाषा, प्रांत, पिछड़ा-अगड़ा, स्वर्ग-अव्रण के नाम पर |
Explanation:
HOPE IT WILL HELP YOU