Hindi, asked by mananbjr21006, 3 days ago

राष्ट्रीय निर्माण में विद्यार्थो की भूमिका पे निबंध (500 words)

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Answered by vanshikasangeeta7
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छात्र किसी भी देश की अमूल्य धरोहर है जो बिना रुके तथा बिना थके प्रत्येक असंभव कार्य को अंजाम दे सकते हैं। विद्यार्थी जीवन में मिले ज्ञान के द्वारा व्यक्ति के साथ-साथ समाज तथा राष्ट्र की दिशा का निर्धारण होता है । ... जिस देश नागरिक जागरूक तथा कार्य कुशल है तभी राष्ट्र निर्माण में अधिकाधिक अधिक योगदान कर सकते हैं। किसी भी राष्ट्र की उन्नति का आधार और प्रतिष्ठा उसकी भावी पीढ़ी पर होता है । जो बासी हो गया, जीर्ण हो गया, समयातीत हो गया, उस फूल को डाल से चिपके रहने का कोई अधिकार नहीं है। यही सोचकर शायद कविवर जयशंकर प्रसाद जी ने ठीक ही कहा है-इसलिए बासी फूलों को झड़ने दो, नये युवा फूलों को उनका स्थान ग्रहण करने दो। हम राजनीति के इतिहास पर एक विहंगम दृष्टि डालकर देखें तो हमें पता चलता है कि राष्ट्रों की भाग्यलिपियां विद्यार्थियों ने अपने रक्त की स्याही से लिखी हैं। जिस प्रकार नदी अपने तेज़ प्रवाह से अपने किनारों को तोड़ने की क्षमता रखती है तथा हवा तेज गति से चलकर आँधी का रूप धारण कर लेती है और बडे बडे बलशाली वृक्षों को जड़ से उखाड़ फेंकने की शक्ति रखती है इसी प्रकार विद्यार्थी के अन्दर भी वह प्रचण्ड शक्ति और अदमनीय साहस है जिससे यदि वह चाहे तो देश का स्वरूप बदल दे। किसी ने ठीक ही कहा l आज स्वतन्त्रता के लगभग 60 वर्ष पूर्ण हो जाने पर भी हमारे देश ने उतनी प्रगति नहीं कि जितनी कि उसे करना अपेक्षित था। इसका मुख्य कारण यह है देश की प्रगति में हाथ बंटाने का अधिकार कुछ वर्ग विशेष, कुछ अवस्था विशेष, कुछ जाति विशेष, कुछ आश्रम विशेष के व्यक्तियों को ही उपलब्ध हो रहा है। जो लोग स्वयं चलने में असमर्थ हैं वे देश को क्या चलाएंगे! इसलिए केवल युवा विद्यार्थीवर्ग ही राष्ट्र के निर्माण में अपनी निर्णायक भूमिका अदा कर सकता है। विद्यार्थीवर्ग का योगादन इस प्रकार है-

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