राष्ट्रीय पशु बाघ के बारे में रोचक तथ्य लिखे
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1. बाघ, भारत का 'राष्ट्रीय पशु' है।
2. भारतीय वन्यजीवन बोर्ड द्वारा 1972 में शेर के स्थान पर बाघ को भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में अपनाया गया।
3. देश के बड़े हिस्सों में इसकी मौजूदगी के कारण ही इसे भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में चुना गया था।
4. बाघ, भारत के वन्यजीवन की समृद्धि का प्रतीक है।
5. बाघ का शरीर मजबूत एवं रंग भूरा होता है जिसमें काले रंग की पट्टियां होती हैं।
6. बाघ की एक लंबी पूंछ होती है। उसके गद्देदार पैरों में तेज पंजे होते हैं।
7. बाघ का वजन 300 किलो तक का होता है।
8. बाघ शानदार तैराक होते हैं। बाघ 6 किलोमीटर तक की दूरी आराम से तैर सकते हैं।
9. बाघ, बिल्ली के परिवार के अंतर्गत आता है। यह एक बड़ी बिल्ली की तरह प्रतीत होता है।
10. बाघ आम तौर पर जंगलों में पाए जाते हैं।
11. बाघ रक्त और मांस का शौकीन होता है। यह बहुत क्रूर जंगली जानवर होता है।
12. भारत में बाघों की रक्षा के लिए, 'प्रोजेक्ट टाइगर' (Project Tiger) 1973 में शुरू किया गया था।
13. 'प्रोजेक्ट टाइगर' के शुभारंभ के बाद से, बाघों की आबादी में क्रमिक वृद्धि देखी गई है।
14. भारत में, बाघ के शिकार पर पूर्णतया प्रतिबंध है।
15. बाघों की घटती जनसंख्या और इसके संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष 29 जुलाई को सम्पूर्ण विश्व में 'विश्व बाघ दिवस' मनाया जाता है।
बाघ (Tiger) ऊँचाई में लगभग शेर के बराबर होता है | लम्बाई लगभग 9 फीट होती है | इसकी अगली टांगो का घेरा लगभग 2 फीट होता है |
बाघ (Tiger) की गर्दन पेड़ के तने के समान मोटी होती है | अगला पंजा बड़ा और भयंकर होता है |
बाघ के शरीर का रंग हल्का पीला होता है जिस पर बादामी और काली वर्टीकल धारियाँ होती है | इन धारियों का आकार भिन्न-भिन्न होता है | पेट सफेद होता है |
तीन साल की उम्र में यह शादी लायक हो जाता है | इसके बाद 33 वर्ष तक हर दो-ढाई सालो में जोड़ा बनाता रहता है |
105-115 दिन तक गर्भ-धारण करने के बाद मादा 4-6 शिशु को जन्म देती है | शिशु जन्म के समय अंधे होते है | वजन 1 से 1.5 किलोग्राम होता है | 6 सप्ताह तक माता-पिता पर पुरी तरह निर्भर रहते है | सात माह की उम्र में स्वयं शिकार करने योग्य हो जाते है |
यह रात्रिचर है लेकिन यह आवश्यक नही है | दोपहर की गर्मी यह पसंद नही करता | इसलिए पानी में जाकर अठखेलिया करता रहता है | यह अच्छा तैराक भी है |
दिन के ठंडे समय में शिकार करना पसंद करता है | यह जंगली सूअर से लेकर भैंसों तक का शिकार कर लेता है | कभी कभी भोजन की कमी होती है तो छिपकलिया ,मेंढक , मगर को खाना सीख जाते है | मृत जन्तुओ को खाना भी सीख लेता है |
बाघ औसतन 9 किलोग्राम मांस प्रतिदिन खा लेता है | वर्ष भर में एक बाघ 45-50 हिरनों का शिकार कर लेता है |
बाघ (Tiger) घने जंगलो में रहता है लेकिन गर्मी के दिनों में प्यास से व्याकुल होकर जंगल से बाहर निकल आता है और किसी जलाशय के निकट झाड़ियो में छिपा रहता है | कभी कभी ग्रामवासियों को उठा ले जाता है |
स्वभाव से बाघ डरपोक होता है | जब तक यह घायल नही हो जाता या इससे छेड़कानी नही की जाती , तब तक यह सामना नही करता |
बाघ (Tiger) का देहबल आश्चर्यजनक होता है | गाय-बैल को मुंह में दबाकर यह ऊँची-ऊँची झाडिया आसानी से पार कर लेता है |
भारत में स्वभाव एवं आहार के आधार पर तीन तरह के बाघ पाए जाते है लोदिया बाघ , ऊँटिया बाघ और नरभोजी बाघ | लोदिया बाघ सघन वन में रहता है और जंगल के जन्तुओ को मारकर अपना निर्वाह करता है | ये ग्राम-बस्तियों के निकट नही आते और मनुष्य को देखते ही भाग खड़े होते है | इसके विपरीत ऊँटिया जंगल के किनारे रहकर गाँवों में घुस जाता है और गाय-बैल , भेड़ ,बकरी आदि को शिकार बनाता है | तीसरी तरह का बाघ अक्सर बूढा होता है |
डाढ में मनुष्य का मांस लग जाता है तो सबसे भयंकर और खतरनाक नरभक्षी हो जाता है | बाघ शेर की तरह पंजे से थप्पड़ नही मारता बल्कि दोनों पंजो से शिकार की देह को जकड़ लेता है जिससे उसके नख मांस में गहरे घुस जाते है और तब अपने दांतों से चीरफाड़ करता है |
साधारणत: यह घने जंगल में रहने वाला जीव है लेकिन गर्मी में प्यास के मारे बाहर निकल आता है और किसी जलाशय के निकट झाड़ियो में छिप जाता है | अगर कोई टुटा-फूटा मकान जंगल में मिल जाता है तो उसी में रहने लगता है और दीवालों पर धुप में पड़ा रहता है |
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