Business Studies, asked by Indraprajapat, 6 hours ago

राष्ट्रीय स्तर पर व्यवसाय करने के निर्णय पर संगठन के चुनाव में उसकी भूमिका क्या होगी​

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Answered by narhesahebrao
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Answer:

व्यवसाय (Business) विधिक रूप से मान्य संस्था है, जो उपभोक्ताओं को कोई उत्पाद या सेवा प्रदान करने के लक्ष्य से निर्मित की जाती है। व्यवसाय को 'कम्पनी', 'इंटरप्राइज' या 'फर्म' भी कहते हैं। पूँजीवादी अर्थव्यवस्थाओं में व्यापार का प्रमुख स्थान है जो अधिकांशत: निजी हाथों में होते हैं और लाभ कमाने के ध्येय से काम करते हैं तथा साथ-साथ स्वयं व्यापार की भी वृद्धि करते हैं। किन्तु सहकारी संस्थाएँ तथा सरकार द्वारा चलायी जानी वाली संस्थाएं प्राय: लाभ के बजाय अन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिये बनायी गयी होती हैं।

हम व्यावसायिक वातावरण में रहते हैं। यह समाज का एक अनिवार्य अंग है। यह व्यावसायिक क्रियाओं के विस्तृत नेटवर्क के माध्यम से विभिन्न प्रकार की वस्तुएं तथा सेवाएं उपलब्ध कराकर हमारी आश्यकताओं की पूर्ति करता है।

अन्य शब्दों में - व्यवसाय एक ऐसा धंधा[मृत कड़ियाँ][1] है जिसमें अर्थोपार्जन के बदले वस्तुओं अथवा सेवाओं का उत्पादन, विक्रय और विनिमय होता है एवं या कार्य नियमित रूप से किया जाता है। "व्यवसाय में वे संपूर्ण मानवीय क्रियाएं आ जाती हैं, जो वस्तुओं तथा सेवाओं के उत्पादन एवं वितरण के लिए की जाती है, जिनका उद्देश्य अपनी सेवाओं द्वारा समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति करके लाभ अर्जन करना होता है।

Answered by Anonymous
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Answer:

Explanation:

संयुक्त हिंदू परिवार व्यवसाय विशेष प्रकार का सदस्यों का दायित्व व्यवसाय की सह-समांशी संगठन स्वरूप है जो केवल भारत में ही पाया जाता संपत्ति में उनके अंश तक सीमित होता है। लेने के पूरे अधिकार होते हैं। इससे सदस्यों में श्रेष्ठ सहयोग प्राप्त होता है। से कोई भी उसके निर्णय लेने के अधिकार में सीमाएँ हस्तक्षेप नहीं कर सकता।

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