राष्ट्रभाषा, राजभाषा और सम्पर्क भाषा के रूप में हिन्दी
भाषा पर विचार कौनिय
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राष्ट्रभाषा, राजभाषा और संपर्क भाषा के रूप में हिंदी भाषा....
राष्ट्रभाषा — किसी भी देश की राष्ट्रभाषा से तात्पर्य उस भाषा से है, जिसे उस देश के संविधान में राष्ट्रभाषा के रूप में घोषित किया हो। जो उस देश के प्रत्येक हिस्से में बोली जाती हो। जिसे देश का प्रत्येक व्यक्ति आसानी से समझता हो, बोलता हो, लिखता हो। जो देश की सभी आधिकारिक कार्यों में प्रयुक्त की जाती हो। जो देश की राष्ट्रभाषा के रूप में देश के संविधान द्वारा घोषित की गई हो। इस संदर्भ में हिंदी को राष्ट्रभाषा नहीं माना जा सकता, क्योंकि भारत के संविधान में हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित नहीं किया गया है।
भारत अनेक भाषाओं वाला बहुभाषी देश है। इस कारण हिंदी संपूर्ण भारत में नहीं बोली जाती। यही कुछ कारण थे कि हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित नहीं किया जा सका, क्योंकि अनेक गैर हिंदी भाषी राज्यों ने हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में घोषित करने का विरोध किया था।
राजभाषा — हाँ, हिंदी हमारे भारत की राजभाषा अवश्य है। राजभाषा से तात्पर्य उस भाषा से है, जिसमें देश की केंद्र सरकार का कार्य होता हो। हमारे देश की केंद्र सरकार के सारे कार्य हिंदी और अंग्रेजी में होते हैं। क्योंकि अंग्रेजी एक विदेशी भाषा है, इसके लिए उसे राजभाषा घोषित नहीं किया जा सकता। जबकि हिंदी इस देश की ही भाषा है। केंद्र के केंद्र सरकार के अधिकतर कार्य हिंदी में ही किए जाते हैं। दूसरे गैर हिंदी भाषाओं से पत्र व्यवहार के रूप में के लिए अंग्रेजी भाषा का भी प्रयोग किया जाता है। जो राज्य हिंदी नहीं समझते उनके साथ अंग्रेजी भाषा का भी प्रयोग किया जाता है। लेकिन केंद्र सरकार के सभी संस्थानों कार्यालयों में हिंदी एक राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित है। इस दृष्टि से हिंदी भारत की राजभाषा अवश्य है।
संपर्क भाषा — कोई भी संपर्क भाषा वह होती है, जो सबसे अधिक लोगों द्वारा बोली जाती हो। जो लोगों के बीच एक संपर्क काम करती हो। इस दृष्टि से हिंदी संपर्क भाषा के रूप में विकसित हो रही है, क्योंकि देश का बहुत बड़ा भूभाग हिंदी भाषा बोलता है और जो गैर हिंदीभाषी प्रदेश है वह भी हिंदी को समझते बोलते हैं। वहां पर हिंदी द्वितीय भाषा के रूप में अच्छी-खासी प्रचलित है। कुछेक एक दक्षिण भारतीय राज्यों को छोड़ दिया जाए तो हिंदी पूरे भारत में सामान्य रूप से समझी जाती है। इसलिए हिंदी धीरे-धीरे संपर्क भाषा के रूप में विकसित हो रही है और यही भारत की असली संपर्क भाषा है। अंग्रेजी भाषा हिंदी और गैर हिंदी भाषी राज्यों के बीच संपर्क का तो काम करती है लेकिन यह केवल उच्च शिक्षित लोगों और बड़े बड़े अधिकारियों के तक ही सीमित है आम जनमानस में अंग्रेजी भाषा उतनी उतनी लोकप्रिया