राष्ट्रगान में आवाज सेहमी सेहमी क्यों लगती है
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उन्होंने इसके पांच छंद लिखे गए थे, लेकिन पहले छंद की पंक्तियों को ही राष्ट्रगान के तौर पर अपनाया गया.
बता दे की इसे भारत के राष्ट्रगान 'जन-गण-मन' के बराबर का ही दर्जा प्राप्त है। 1896 में पहली बार कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में यह गीत गाया गया। 24 जनवरी, 1950 को वंदे मातरम को राष्ट्रगीत का दर्जा दिया गया। बता दे की वंदे मातरम को लेकर कोई नियम या कानून नहीं है इसे आप कही भी कैसे भी गा सकते हैं।
उन्होंने कहा था कि राष्ट्रगान देश के गौरव के लिए नहीं बल्कि अंग्रेजों की चापलूसी में लिखा गया था। उन्होंने तब भी कहा था कि जिस राष्ट्रगान को हम बहुत गर्व के साथ गाते हैं, वह देश के सम्मान में नहीं, ब्रिटिश किंग जॉर्ज पंचम के सम्मान में लिखा था। ... इसे गुरुदेव भी स्वीकार करते थे कि उनसे दबाव में लिखवाया गया था।
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