राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री नियुक्त करने की अतिरिक्त जिम्मेदार है क्या आप इस दृष्टिकोण से सहमत है
Answers
Answer:
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 75 केवल इतना कहता है कि भारत का एक प्रधानमंत्री होगा जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा। प्रधानमंत्री, मंत्री परिषद का नेता होता है। राष्ट्रपति केवल नाममात्र का शासक होता है राष्ट्रपति से ज्यादा अधिकार प्रधानमंत्री के पास होते है जबकि प्रमुख कार्यकारी शक्तियां प्रधानमंत्री में निहित होती हैं।[1]
मंत्री नियुक्त करने हेतु अपने दल के सदस्यों के नाम राष्ट्रपति को सुझाता है।
राष्ट्रपति केवल उन्ही लोगों को मंत्री बना सकता है जिनके नामों की सिफारिस प्रधानमंत्री करता है अन्य की नहीं।
यह निश्चित करता है कि किस मंत्री को कौन सा विभाग दिया जायेगा और वह उनको आवंटित विभाग में फेरबदल भी कर सकता है।
वह मंत्री परिषद् की बैठक की अध्यक्षता भी करता है और अपनी मर्जी के हिसाब से निर्णय बदल भी सकता है।
किसी मंत्री को त्यागपत्र देने या उसे बर्खास्त करने की सलाह राष्ट्रपति को दे सकता है।
वह सभी मंत्रियों की गतिविधियों को नियंत्रित और निर्देशित भी करता है।
वह अपने पद से त्यागपत्र देकर पूरे मंत्रिमंडल को बर्खास्त करने की सलाह भी राष्ट्रपति को दे सकता है। अर्थात वह राष्ट्रपति को लोकसभा भंग कर नये सिरे से चुनाव करवाने की सलाह भी दे सकता।
Answer:
भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री (सामान्य वर्तनी: प्रधानमंत्री) का पद भारतीय संघ के शासन प्रमुख का पद है। भारतीय संविधान के अनुसार, प्रधानमन्त्री केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद् का प्रमुख और राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का प्रमुख होता है और सरकार के कार्यों को लेकर संसद के प्रति जवाबदेह होता है। भारत की संसदीय राजनैतिक प्रणाली में राष्ट्रप्रमुख और शासनप्रमुख के पद को पूर्णतः विभक्त रखा गया है |