राष्ट्रवाद के उदय के कारण बताइए।
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उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में राष्ट्रीय भावना के विकास के फलस्वरूप राजनीतिक आन्दोलन का सूत्रपात हुआ। अंग्रेजी शासन काल में भारतीयों में राष्ट्रीयता की भावना के उदय के कई कारण थे। इनमें अंग्रेजी शोषणकारी आर्थिक नीतियाँ, प्रशासनिक एकीकरण, यातायात एवं संचार के साधनों का विकास, प्रेस एवं साहित्य की भूमिका, जातीय भेदभाव, आधुनिक पाश्चात्य शिक्षा, लॉर्ड लिटन की नीति, इल्बर्ट बिल विवाद तथा विभिन्न संस्थाओं की स्थापना प्रमुख थे। इस प्रकार भारतीयों ने राजनीतिक आन्दोलन के माध्यम से अंग्रेजी सत्ता से मुक्ति प्राप्त करने के लिए एक लम्बा संघर्ष किया।
Hlew,
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भारत में राष्ट्रवादी विचारधारा का अंकुर सत्रहवीं शताब्दी के मध्य से उगने लगा था किन्तु यह धीरे-धीरे विकसित होता रहा अन्त मे 1857 ई0 में पूर्ण हो गया। अतः भारतीय राष्ट्रीय जागृति का काल उन्नीसवीं शताब्दी का मध्य मानना उचित ही होगा। भारत में राष्ट्रवाद के जन्म के कारण जो राष्ट्रीय आन्दोलन प्रारम्भ हुआ वह विश्व में अपने आप में एक अनूठा आन्दोलन था भारत में राजनीतिक जागृति के साथ-साथ सामाजिक तथा धार्मिक जागृति का भी सूत्रपात हुआ। वास्तव मे सामाजिक तथा धार्मिक जागृति के परिणामस्वरूप राजनितिक जागृति का उदय हुआ। डॉ॰ जकारिया का मत है कि ”भारत का पुनर्जागरण मुख्यतः आध्यात्मिक था। इसने राष्ट्र के राजनीतिक उद्धार के आन्दोलन का रूप धारण करने से बहुत पहले अनेक धार्मिक और सामाजिक सुधारों का सूत्रपात किया।“ इस रूप मे भारतीय राष्ट्रीय जागृति यूरोपीय देशों में हुई राष्ट्रीय जागृति से भिन्न है। भारत मे राष्ट्रवादी विचारों के उदय और विनाश के लिए निम्नलिखित कारण माने जाते हैः
समाजिक तथा धार्मिक आन्दोलन
भारत की राजनीतिक एकता
ऐतिहासिक अनुसंधान
पश्चिमी शिक्षा का प्रभाव
भारतीय समाचार-पत्र तथा साहित्य
भारत का आर्थिक शोषण
जाति विभेद नीति
सरकारी नौकरियों मे भारतीयों के साथ पक्षपात
यातायात तथा संचार के साधनों का विकास
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Sorry baby 'wink'