रीतिबद्ध काव्य पर टिप्पणी
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रीतिबद्ध काव्यधारा उन कवियों की है जिन्होंने राजाओं (उनकी पत्नी या प्रेमिकाओं) को शास्त्रीय ज्ञान देने के लिए लक्षण ग्रंथों की रचना की। ... इसी काव्यधारा को लक्षण-ग्रंथ परंपरा भी कहा जाता है तथा इनके कवियों को आचार्य। मध्यकाल में दरबार पर आश्रित कवियों के बड़े हिस्से में रीति या पद्धति से बद्ध काव्य रचने वाले कवि आते हैं।
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