• 'रात के चौकीदार' के बारे में अपने विचार 6 से 8 वाक्यों में लिखिए।
Pls in Hindi letter...
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‘रात का चौकीदार‘ लघु कहानी ‘सुरेश कुशवाहा’ द्वारा लिखित एक ऐसे चौकीदार के बारे में कहानी है, जो रात भर चौकीदारी की ड्यूटी अपनी पूरी तत्परता से करता है लेकिन जब अपना मेहनताना माँगने लोगों के घर पर जाता है तो लोग उसका मेहनताना देने में टालमटोल करते हैं और पैसा देने में आनाकानी करते हैं। ऐसे ही वह एक बार अपना मेहनताना मांगने कॉलोने के एक सज्जन यानि लेखक के घर जाता है, और उनसे पैसे मांगता है तो वह भी इधर-उधर की बातें करके चौकीदार को पैसे नही देते और चौकीदार चुपचाप चला जाता है।
रात में विचार करते हुए लेखक को एहसास होता है और यह चौकीदार जो दूसरों की रखवाली करता है, वह स्वयं कितना असुरक्षित है, क्योंकि हम लोग उसका ध्यान नहीं रखते, उसकी जरूरतों को नहीं समझते, उसका पारिश्रमिक नही देते। अपनी गलती जानकर वह सुबह चौकीदार बुला कर उसका मेहताना दे देते हैं।
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