Hindi, asked by chhoturajpal39, 5 months ago

रीतिकाल का काल विभाजन करते हुए उसकी विशेषता पर प्रकाश डालिए​

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Answered by nehabhosale454
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Answer:

काव्य को अंक इसे अछूता नहीं हैं .उनका कहना है कि काव्य ने कला पक्ष का जितना अधिक उत्कर्ष इस काल में हुआ उतना पहले कभी नहीं हो सका . परन्तु आचार्य शुक्ल ने रीति ग्रंथों की बहुलता के आधार पर इसका नामकरण रीतिकाल रखा . यह उस समय रीति (लक्षण ,उदाहरण ) की शैली की एक मुख्य प्रवृत्ति को प्रकट करती है .

Answered by sharmamitali080509
0

Answer:

श्रृंगार की प्रवृत्ति उस समय समाज और वातावरण की प्रवृत्ति थी . काव्य को अंक इसे अछूता नहीं हैं . ... उनका कहना है कि काव्य ने कला पक्ष का जितना अधिक उत्कर्ष इस काल में हुआ उतना पहले कभी नहीं हो सका . परन्तु आचार्य शुक्ल ने रीति ग्रंथों की बहुलता के आधार पर इसका नामकरण रीतिकाल रखा.

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