Hindi, asked by sanjayshah9074, 1 month ago

रीतिकाल विहरी गाज विस्तार से विवेचना नियेंगरीतिकाल में बिहारी के योगदान की विस्तार से विवेचना कीजिए ​

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Answered by kushvahamahesh123
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रीतिकाल में बिहारी के योगदान की विस्तार से विवेचना कीजिये।

Answered by krishnaanandsynergy
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वे बिहारी ऋत्विक के प्रतिनिधि कवि हैं। जबकि ऋत्विकल के अन्य कवि शिल्प कौशल पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं, बिहारी की मजबूत भावनाएँ और अभिव्यक्तियाँ हैं।

रीति काल:

  • 1700 ई. के आसपास हिन्दी कविता में एक नया मोड़ आया।
  • इसे विशेष रूप से तत्काल दरबारी संस्कृति और संस्कृत साहित्य द्वारा प्रोत्साहित किया गया था।
  • संस्कृत साहित्य के कुछ अंश उन्हें शास्त्रीय अनुशासन की ओर ले जाते हैं।
  • हिंदी में कविता के लिए 'ऋति' या 'काव्यारिटी' शब्द का प्रयोग किया जाता था।
  • इसीलिए इस काल के काव्य को रचना की काव्यात्मक सामान्य प्रकृति और रस, आभूषण आदि का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकांश विशिष्ट ग्रंथों को ध्यान में रखते हुए 'ऋत्विकव्य' कहा जाता है।
  • संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, फारसी और हिंदी आदिकव्य और कृष्णकाव्य की लफ्फाजी की प्रवृत्ति इस कविता की प्राचीन परंपरा की श्रृंगार प्रवृत्ति का स्पष्ट संकेत है।

#SPJ3

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