रात के लगभग 2:00 बज रहे थे लोग मीठी नींद में थे मैं भी Ki achanak पास में मकान जाति को ने मेरी नींद उड़ा दी ek kahani likhe jiski shuruat nimnlikhit vakyo se ho
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रात के लगभग 2:00 बज रहे थे लोग मीठी नींद में सो रहे थे और मैं भी मीठी नींद में सो रही थी कि अचानक पास में मकान जाति को ने मेरी नींद उड़ा दी और मैं जॉब करूं थी देखा तो पास के मकान में आग लगी हुई थी वह आग इतनी भीषण थी कि मैं डर गई और मैं पसीना पसीना हो गई मैंने अपनी मां को उठाया और कहा मां देखो पास के मकान में आग लगी हुई है हमें उनकी मदद करनी चाहिए मां ने कहा तुम ठीक कहती हो बेटी हमें उनकी मदद करनी चाहिए और मां ने फायर ब्रिगेड को फोन किया इसी के साथ जब फायर ब्रिगेड वाले आए तो उन्होंने पास के मकान की आग बुझाई और हम सबकी जान बचाई
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