रात में तारे क्यों टिमटिमाते है
Answers
Explanation:
हमारे नेत्रों को तारों के प्रकाश के वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण तारे टिमटिमाते से लगते हैं। तारे का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के पश्चात् पृथ्वी के पृष्ठ पर पहुँचने तक लगातार अपवर्तित होता है। ... तारे बहुत दूर हैं, इसलिए वे प्रकाश के बिंदु स्रोत के निकट हैं।
Answer:
हमारे नेत्रों को तारों के प्रकाश के वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण तारे टिमटिमाते से लगते हैं। तारे का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के पश्चात् पृथ्वी के पृष्ठ पर पहुँचने तक लगातार अपवर्तित होता है। वायुमंडलीय अपवर्तन उसी माध्यम से होता है जिसका क्रमिक परिवर्ती अपवर्तनांक हो क्योंकि वायुमंडल तारे के प्रकाश को अभिलंब की ओर झुका देता है, इसलिए तारे को आभासी स्थिति उसकी वास्तविक स्थिति से कुछ भिन्न प्रतीत होती है। क्षितिज के निकट देखने पर कोई तारा अपनी वास्तविक स्थिति से कुछ ऊँचाई पर प्रतीत होता है। तारे की यह आभासी स्थिति भी स्थायी न होकर धीरे-धीरे थोड़ी बदलती भी रहती है क्योंकि पृथ्वी के वायुमंडल की भौतिक अवस्थाएं भी बदलती रहती हैं।