रीति और शैली का घनिष्ठ सम्बन्ध ज्ञात कीजिए। रीति अथवा शैली का महत्व बताइये।
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➲ शैली और रीति में कोई विशेष भेद नहीं होता। शैली अंग्रेजी के शब्द स्टाइल का हिंदी रूपांतरण है, जो काव्य की भाषा, अलंकार, शब्द-शक्ति, छंद, गुण दोष आदि को प्रकट करती है। हिंदी में शैली शब्द के लिए रीति शब्द का प्रयोग किया गया है, इसलिए शैली और रीति में केवल भाषाई भेद है, दोनों का मूल अर्थ एक ही है।
शैली अथवा रीति महत्व इस प्रकार है...
शैली किसी काव्य की भाषा के स्वरूप को प्रकट करती है। उस काव्य में कैसे अलंकारों का प्रयोग हुआ है, उसे काव्य की शब्द शक्ति क्या है, कौन से रस प्रयुक्त किए गए हैं, काव्य की भाषा का स्वरूप कैसा है, यह सब की शैली कहलाता है। शैली किसी काव्य की आत्मा होती है।
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Answer:
रीति और शैली का घनिष्ठ सम्बन्ध
रीति और शैली अभिव्यक्ति की पद्धति है, जिसका अंग्रेजी पर्याय Style है। विशिष्ट अर्थ में रीति और शैली में बहुत अंतर नहीं है। शैली विचारों का परिधान है, यह उपयुक्त शब्दावली का प्रयोग है या कहें कि अभिव्यक्ति का ढंग शैली है। शैली भाषा का व्यक्तिगत प्रयोग है।
शैली का महत्व
तात्पर्य यह है कि किसी भी उत्तम कोटि की रचना में उसकी रचना करने वाले का व्यक्तित्व झलकता ही है। उस रचना में अर्थों के प्रयोग ,भाषा वैशिष्ट्य आदि रचनाकार के व्यक्तित्व योग्यता कला आदि से ही समझा जा सकता है। इसी व्यक्तित्व के प्रस्फुटन को विद्वानों ने शैली नाम दिया है।