रात और दिन का एक समान होते हैं
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ya it is similar only....
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इक्वीनोक्स का अर्थ होता है- दिन और रात दोनों का बराबर होना। आज दिन और रात दोनों 12-12 घंटे के होते हैं। दरअसल जब सूर्य घरती की भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर से गुजरता है तो दिन और रात समान हो जाते हैं। इसे ही विज्ञान की भाषा में इक्वीनोक्स के नाम से जानते हैं। आम जीवन पर भले ही इस दिन का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन वैज्ञानिकों के लिए यह दिन खगोलीय घटना के लिहाज से अहम होता है।
एमेच्योर एस्ट्रोनोमर एसोसिएशन (नेहरू प्लेनेटोरियम, दिल्ली) के महासचिव रघु कालरा ने बताया कि 22 सितंबर को इक्वीनोक्स को 'आटम्नल इक्वीनोक्स' के नाम से भी जानते हैं। इस तारीख को दिन और रात का समय लगभग समान होता है और वर्ष में यह दूसरा इक्वीनोक्स है। उन्होंने बताया कि पहले समय में गर्मियों और सर्दियों के मौसम का पता लगाने के लिए भी इक्वीनोक्स को एक संकेत के रूप में प्रयोग किया जाता था। इसकी वजह यह है कि 22 सितंबर को होने वाले इक्वीनोक्स के बाद से रातें लंबी होना शुरू हो जाती हैं, जो सर्दियों के आगमन का संकेत होता है।
रघु ने बताया कि वर्ष के दोनों इक्वीनोक्स एक दूसरे से बिल्कुल उलट होते हैं। 20 मार्च को होने वाला इक्वीनोक्स वैज्ञानिक भाषा में 'वर्नल' कहलाता है। इसके बाद दिन लगातार लंबे और रातें छोटी होने लगती हैं जो इस बात का संकेत होता है कि गर्मियों का आगमन होने वाला है। दूसरी ओर 22 सितंबर के बाद रातें लंबी होना शुरू हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि इक्वीनोक्स के समय उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में रात और दिन करीब 12-12 घंटे के होते हैं।
रघु ने बताया कि इक्वीनोक्स के दिन का महत्व पहले त्योहारों का समय तय करने के लिए भी किया जाता था। दशहरा, दीवाली जैसे त्योहार इसी पर आधारित हुआ करते थे। हालांकि अब वैज्ञानिक तरीके से हम अघिक सटीक तौर पर किसी त्योहार की तिथि तय कर पाते हैं। 22 सितंबर को इक्वीनोक्स के दिन राजधानी दिल्ली में सूर्योदय का समय करीब 6 बजकर 10 मिनट रहा, जबकि सूर्यास्त करीब 6 बजकर 17 मिनट पर होगा। इसके अलावा मुंबई में सूर्योदय का समय 6 बजकर 28 मिनट था, और सूर्यास्त का समय 6 बजकर 35 मिनट रहेगा जबकि चेन्नई में पांच बजकर 58 मिनट पर सूर्योदय और 6 बजकर 05 मिनट पर सूर्यास्त होगा।